Christmas Day 2024: क्रिसमस और सांता क्लॉस: यीशू के जन्मदिन की परंपराओं और क्रिसमस ट्री का क्या हैं राज़
कल क्रिसमस डे Christmas Day है। हर साल यह 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन को लोग प्रभू ईसाह मसीह (यीशू) के जन्मदिन के तौर पर मनाते हैं। क्रिसमस का नाम लेते ही सबसे पहले दो चीजें दिमाग में आती हैं।
पहला सेंटा और दूसरा क्रिसमस ट्री। क्रिसमस ट्री को ईश्वरीय पौधा माना जाता है। लेकिन आपके दिमाग में कभी बात आई कि आखिर क्रिसमस ट्री का यीशू से क्या कनेक्शन है? क्रिसमस ट्री को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। आज हम आपको सांता और क्रिसमस ट्री दोनों के बारे में बताएंगे।
कौन है Santa Claus? सांता क्लॉस, असल में सेंट निकोलस (Saint Nicholas) हैं। ये एक काल्पनिक और प्रसिद्ध चरित्र हैं। जो क्रिसमस के त्योहार से जुड़े हुए हैं। सेंट निकोलस (Saint Nichola) का इतिहास ये है कि वे 4वीं शताब्दी के एक ईसाई संत थे जो तुर्की के एक बिशप थे और अपनी दयालुता और गरीबों को उपहार देने के लिए प्रसिद्ध थे।
क्रिसमस डे को लेकर कई मान्यताये है
पहली मान्यता
क्रिसमस ट्री को लेकर पहली मान्यता है कि 16वीं सदी के ईसाई धर्म के सुधारक मार्टिन लूथर ने क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत की थी। एक बार वे बर्फीले जंगल से गुजर रहे थे वहां उन्होंने सदाबहार फर (सनोबर) के पेड़ को देखा। पेड़ की डालियां चांद की रोशनी में चमक रही थीं। यह देखकर उनको एक अलग अनुभूति हुई। उन्होंने अपने घर पर भी इस पेड़ को लगा लिया। जब पेड़ थोड़ा बड़ा हुआ तो 25 दिसंबर की रात को उन्होंने इस पेड़ कैंडिल और गुब्बारों से सजाया। पेड़ खूबसूरत लग रहा था। यह देखकर बाकी लोग भी अपने घर में क्रिसमस ट्री लगाने लगे। धीरे-धीरे हर साल 25 दिसबंर के दिन इस पेड़ को सजाने का चलन शुरू हो गया।
दूसरी मान्यता
क्रिसमस ट्री से जुड़ी दूसरी मान्यता यह है कि सबसे पहले क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जर्मनी में शुरू हुई। एक बार जर्मनी के सेंट बोनिफेस को पता चला कि कुछ लोग एक विशाल ओक ट्री के नीचे एक बच्चे की कुर्बानी देने की तैयारी कर रहे हैं। बच्चे की जान को बचाने के लिए उन्होंने उस पेड़ को ही काट दिया और कुछ समय बाद उस जगह पर फर का पेड़ लगा दिया और लोगों को बताया कि ये एक दैवीय वृक्ष है और इसकी डालियां स्वर्ग की ओर संकेत करती हैं। सेंट बोनिफेस की बात मानकर लोग फर के पेड़ को दैवीय मानने लगे और हर साल जीसस के जन्मदिन पर उस पवित्र वृक्ष को सजाने लगे। धीरे-धीरे यह परंपरा दूसरे देशों में पहुंची। 19वीं शताब्दी में इसका चलन इंग्लैंड में भी शुरू हो गया। यहां से पूरी दुनिया में क्रिसमस के मौके पर ट्री सजाने का ट्रेंड चल पड़ा।
कौन है सांता क्लॉज
कौन है Santa Claus? सांता क्लॉस, असल में सेंट निकोलस (Saint Nicholas) हैं। ये एक काल्पनिक और प्रसिद्ध चरित्र हैं। जो क्रिसमस के त्योहार से जुड़े हुए हैं। सेंट निकोलस (Saint Nichola) का इतिहास ये है कि वे 4वीं शताब्दी के एक ईसाई संत थे जो तुर्की के एक बिशप थे और अपनी दयालुता और गरीबों को उपहार देने के लिए प्रसिद्ध थे।
तुर्किए के मायरा शहर में हुआ था जन्म
दुनिया भर में जिनको सैंटा क्लॉज के नाम से जाना जाता है। उनका वास्तविक नाम सेंट निकोलस था। वह आधुनिक तुर्किए के दक्षिण-पश्चिम में स्थित प्राचीन लुशिया के एक शहर मायरा के रहने वाले थे। वर्तमान में यह तुर्किए के अंटालया राज्य का हिस्सा है। उनका जन्म 280 ईस्वी में तुर्कमेनिस्तान के इसी मायरा शहर में हुआ था।
सांता आधी रात को देते हैं गिफ्ट
संत निकोलस हमेशा आधी रात को ही गिफ्ट देते थे वह भी लोगों से छिपकर। क्योंकि उन्हें लोगों को उपहार देते दिखना पसंद नही था। वह लोगों से अपनी पहचान छिपाकर रखते थे। कहते हैं कि संत निकोलस रंग बिरंगे कपड़े पहनते थे और बारहसिंगा रूडोल्फ पर बैठकर लोगों में उपहार बांटते थे। जानकारी के लिए बता दें कि संत निकोलस ने 6 दिसंबर 343 ईस्वी में मायरा शहर में अपनी आखिरी सांस ली थी।