Bharatiya Yadav Mahasabha: राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने ‘भगवान श्री कृष्ण विचार एवं जनमानस’ कार्यक्रम में किया संबोधन
राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने अखिल भारतीय यादव महासभा “अहीर” द्वारा ‘भगवान श्री कृष्ण विचार एवं जनमानस’ विषयक आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि रामायण में सीता और महाभारत में गीता हमारे जीवन के मार्गदर्शक हैं।
उन्होंने कहा कि सीता माई ने जो कठिनाई झेली वह जीवन पथ का आलोक है। रामायण और गीता को विश्व के प्राचीनतम ग्रंथ बताते हुए राज्यपाल ने इन्हें भारत की संस्कृति और धर्म का अभिन्न हिस्सा बताया।
राज्यपाल ने यादव महासभा द्वारा श्री कृष्ण के सर्वधर्म सद्भाव की संस्कृति के प्रसार की सराहना की और कहा कि श्री कृष्ण के गीता के संदेश से हमें फल की इच्छा के बिना कर्म करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान श्री कृष्ण कभी इतिहास का हिस्सा नहीं हो सकते बल्कि वे जनमानस में गहरे से रचे-बसे हैं। श्री कृष्ण की बांसुरी और राधा के प्रति उनकी डाह की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि श्री कृष्ण के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
राज्यपाल ने भगवान श्री कृष्ण को युगप्रवर्तक बताते हुए कहा कि जहाँ भी अन्याय और अत्याचार हुआ। वहां उन्होंने विरोध किया। जब संस्कृति की हानि हुई तो भगवान ने उसे संरक्षित किया। उन्होंने श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की चर्चा करते हुए कहा कि हमें उनके संस्कारों से सीख लेनी चाहिए। राज्यपाल ने भगवान श्री कृष्ण के माखनचोर स्वरूप की कथा सुनाते हुए। कहा कि श्री कृष्ण हमेशा ईश्वर होते हुए भी मनुष्य की भांति जीवन जीते थे।
समारोह में नगरीय विकास मंत्री श्री झाबर सिंह खर्रा ने श्री कृष्ण और यादव समाज से जुड़ी गौरवमयी परंपराओं की चर्चा की। अखिल भारतीय यादव महासभा के डॉ. अशोक यादव और ब्रिगेडियर प्रताप सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।