Nisha Yadav of Bilaspur: बिलासपुर की बेटी ने फतेह की 12500 फीट ऊंची चोटी: 12500 फीट ऊंची चोटी पर देश का तिरंगा लहरा कर बनाया रिकॉर्ड
बिलासपुर की पर्वतारोही निशा यादव के सपनों को अब पंख लग गए हैं। आज सुबह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें फोन कर उनका सपना पूरा करने का वादा किया। मुख्यमंत्री ने निशा से कहा “आप सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। खर्च की चिंता मत करें। छत्तीसगढ़ सरकार आपके साथ खड़ी है।
निशा जो आर्थिक तंगी के कारण अपने पर्वतारोहण के सपने को लेकर चिंतित थीं। मुख्यमंत्री के इस संदेश से अभिभूत हैं। उनके पिता एक ऑटो चालक हैं। और परिवार की सीमित आय के बावजूद निशा ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस को फतह किया और वहां तिरंगा फहराया। अब उनका अगला लक्ष्य अफ्रीका की किलिमंजारो चोटी पर तिरंगा लहराना है। और बाद में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर भारत का गौरव बढ़ाना है।
निशा यादव ने मुख्यमंत्री से हुई बातचीत के बाद कहा “मुख्यमंत्री जी का फोन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा है। मैं पिछले कई दिनों से इस सपने को लेकर परेशान थी। आज उनकी बातों ने मेरी सारी चिंताओं को दूर कर दिया। छत्तीसगढ़ की हर बेटी को मुख्यमंत्री जी पर गर्व है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निशा से उनके पर्वतारोहण अनुभवों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा “छत्तीसगढ़ की बेटियां देश का गौरव हैं। आर्थिक तंगी हौसले को नहीं रोक सकती। आपका आत्मविश्वास और जुनून आपको सफलता तक जरूर पहुंचाएगा। राज्य सरकार आपके हर कदम पर साथ है।
मुख्यमंत्री के इस समर्थन से निशा को न सिर्फ मानसिक संबल मिला है। बल्कि अब उनके लिए अपने सपनों को पूरा करने की राह आसान हो गई है। निशा की यह प्रेरणादायक कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक संदेश है कि जब संघर्ष और हौसला मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
चिंगराजपारा निवासी निशा ने बताया
शहर की चिंगराजपारा निवासी निशा यादव ने बताया कि उनके पिता ऑटो चालक है। घर का सारा खर्च पिता की कमाई पर चलता है। मेरा बचपन से ही कुछ अलग करने का जज्बा था। मुझे प्रकृति के बीच रहना और पहाड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता है। पिता ने मेरे इस शौक को बरकरार रखने के लिए मुझे अरुणाचल में माउंटेनियरिंग कोर्स पूरा करवाया। मेरा सपना अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (19341 फीट) पर देश का झंडा फहराकर बिलासपुर हमर छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोशन करना है। लेकिन मेरे पास फीस के लिए पैसे नहीं है। पहले पड़ोसी व रिश्तेदार चिढ़ाते थे कि पहाड़ चढ़ना भी कोई शौक है। लेकिन जब मेरा जज्बा, सफलता और स्वागत-सम्मान देखा तो वहीं अब मिसाल देने लगे हैं।
निशा की उपलब्धियां
- उत्तराखंड में नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी नैना पीक ट्रैक- 8522 फीट
- उत्तराखंड केदारकंठा ट्रैक-12500 फीट
- छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा- 2952 फीट
- अरुणाचल प्रदेश की पर्वत चोटी गोरीचेन- 21,286 फ़ीट
- यूरोप महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एलब्रुस-18510 फीट