SI Paper Leak Case: SI भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने की मांग को लेकर युवा चढ़े पानी की टंकी पर: बोले- सरकार अपने मंत्री-अफसर के दबाव में
जयपुर में SI भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द करने की मांग को लेकर दो युवक टंकी पर चढ़ गए हैं। और 23 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नीचे नहीं उतरे हैं। बता दे की लादूराम चौधरी और विकास विधूड़ी हिम्मत नगर स्थित पानी की टंकी पर चढ़े और बैनर लेकर अपनी मांगों को सार्वजनिक किया।
युवकों ने बैनर पर एसआई भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर 7 प्रमुख मांगें लिखीं हैं। जिनमें प्रमुख रूप से भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग शामिल है। दोनों ने कहा कि सरकार अपने मंत्री और अफसरों के दबाव में है। इसलिए परीक्षा को रद्द नहीं किया जा रहा। सोमवार सुबह करीब 10 बजे पुलिस ने दोनों युवकों से बातचीत की लेकिन उन्होंने एक भी शर्त नहीं मानी। युवकों का कहना है कि उनकी कुछ साथी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करें। और मुख्यमंत्री द्वारा लिखित आदेश जारी होने के बाद ही वे टंकी से उतरेंगे। पुलिस स्थिति को संभालने के लिए प्रयास कर रही है। जबकि युवा भर्ती परीक्षा को लेकर सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।
रविवार दिन में टंकी पर चढ़े थे दोनों युवक
रविवार (10 नवंबर) दोपहर करीब 1 बजे लादूराम चौधरी (35) और विकास विधूड़ी (34) हिम्मत नगर स्थित पानी की टंकी पर 2 बैनर लेकर चढ़ गए थे। युवकों ने बैनर पर SI पेपर लीक को लेकर 7 पॉइंट में अपनी मांगें लिखी हैं। इसमें लिखा है। आखिर एसआई भर्ती रद्द क्यों नहीं? ध्यानाकर्षण सत्याग्रह। भजनलाल सरकार से छात्रों का आह्वान एसआई भर्ती रद्द करो लीपापोती बंद करो। आखिर फिर से बड़ा सवाल सरकार इस एसआई भर्ती परीक्षा पर कब फैसला करेगी। कब-कब और आखिर कब ? दोनों बैनर को लादूराम और विकास ने टंकी पर ही टांग दिया।
इसकी सूचना मिलने पर सिविल डिफेंस और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं। दोनों युवकों से बात की लेकिन उन्होंने नीचे उतरने से इनकार कर दिया।
क्या है मांग
वहीं दूसरी तरफ एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की बजाय दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर ट्रेनी एसआई के परिजन धरना दे चुके है। वहीं सोशल मीडिया पर भी एसआई भर्ती परीक्षा रद्द नहीं करने के लिए कैम्पैन चलाया जा रहा है। इस मामले में दोनों पक्ष अलग-अलग मांग पर अड़े हुए है। हालांकि इस मामले में सरकार स्तर पर अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने को लेकर पूर्व में कई नेता प्रदर्शन के साथ मांग कर चुके है। सरकार ने इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया है।