78% Indians Said The Current Economic: 78% भारतीयों ने मौजूदा आर्थिक स्थिति को अच्छा बताया: देश में महंगाई को बड़ी चिंता बताने वाले 16% घटे
78% भारतीयों ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को बेहतर बताया। एक साल में ऐसा मानने वाले 4% बढ़े हैं। दुनिया के 29 देशों में भारत दूसरे नंबर पर है । जहां मौजूदा आर्थिक हालात को सबसे ज्यादा लोग बेहतर मानते हैं। जानें सर्वे की मुख्य बातें
हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनुसार 78% भारतीयों ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को बेहतर बताया है। दिलचस्प बात यह है कि इस विचार को साझा करने वाले लोगों का प्रतिशत पिछले एक साल में 4% बढ़ा है। इस सर्वे में यह भी सामने आया कि भारत 29 देशों के बीच दुनिया में दूसरे नंबर पर है। जहां सबसे ज्यादा लोग मौजूदा आर्थिक हालात को सकारात्मक मानते हैं।
दुनिया की चिंताओं में बदलाव
वैश्विक परिदृश्य में अब महंगाई के मुकाबले हिंसा और अपराध सबसे बड़ी चिंता बनकर उभरे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यह बदलाव देखने को मिला है। इस सर्वे में 31% लोगों ने हिंसा और अपराध को अपनी प्रमुख चिंता माना जबकि महंगाई को लेकर भारतीयों की चिंता में कमी आई है और अब सिर्फ 30% लोग इसे सबसे बड़ी समस्या मानते हैं।
वैश्विक मार्केट रिसर्च फर्म इप्सोस के ‘दुनिया को सबसे ज्यादा किसकी चिंता’ के मासिक सर्वे में यह बात सामने आई। दुनिया में 61% लोगों का कहना है कि उनके देश के आर्थिक हालात खराब हैं। जापान में ऐसा मानने वालों का आंकड़ा सर्वाधिक 86% है।
भारत में महंगाई को सबसे बड़ी चिंता मानने वाले लोग सालभर में 16% घट गए। हालांकि अब भी देश में 30% लोग महंगाई और इतने ही लोग बेरोजगारी को बड़ी चिंता मानते हैं। टॉप-5 चिंताओं में से सिर्फ गरीबी-असमानता को बड़ी चिंता मानने वाले 4% बढ़े हैं।
सर्वे के 3 कारण
भारत की टॉप-5 चिंताओं में से 4 को बड़ी चिंता मानने वाले घटे। अपराध-हिंसा में 29 देशों में हम 21वें पर।
भारत के 30% लोग बेरोजगारी को बड़ी चिंता मानते हैं, पर 12 माह में बेरोजगारी को बड़ी चिंता बताने वाले 9% घटे।
रूस-यूक्रेन में युद्ध के बाद पिछले ढाई साल में पहला मौका है, जब ‘महंगाई’ दुनिया की सबसे बड़ी चिंता नहीं रही। अब ‘हिंसा और अपराध’ सबसे बड़ी चिंता है।
क्लाइमेट चेंज को लेकर दुनिया बेफिक्र
- भारत समेत दुनिया को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे ‘क्लाइमेट चेंज’ को लेकर भारतीय बेफिक्र हैं।
- सर्वे में 13% भारतीयों ने ही इसे चिंता बताया। दुनिया के भी 16% लोगों ने ही इसे प्रमुख चिंता बताया है।
- काफी लंबे समय तक पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं में विवाद की स्थिति होने के बाद भी केवल 10% भारतीय ही सैन्य संघर्ष को लेकर चिंतित हैं।
- आर्थिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार’ दुनिया की टॉप-5 चिंता में शुमार है। लेकिन पिछले एक साल के दौरान इसे प्रमुख चिंता मानने वाले लोग 1% कम हो गए हैं।
युद्ध का असर; 31% के लिए हिंसा बड़ी चिंता है
- अपराध-हिंसा: 31% प्रमुख चिंता मानते हैं। 1 साल में ऐसा मानने वाले 1% घटे, पर 1 माह में 2% बढ़े।
- महंगाई: 30% लोग इसे प्रमुख चिंता मानते हैं। ऐसा मानने वाले 1 साल में 8%, 1 माह में 2% घट गए।
- गरीबी-असमानता: 29% प्रमुख चिंता मानते हैं। 1 साल में ऐसा मानने वाले 2%, 1 माह में 2% घटे।
- बेरोजगारी: 28% बड़ी चिंता मानते हैं। 1 साल में ऐसे 2% और मासिक आधार पर 1% घट गए हैं।
- राजनीति-भ्रष्टाचार: चौथी बड़ी चिंता है। 1 साल में ऐसा मानने वाले 1% घटे पर 1 माह में 1% बढ़े हैं।
भारतीयों की प्रमुख चिंताएं
भारत में महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी-असमानता अपराध-हिंसा और राजनीतिक भ्रष्टाचार प्रमुख चिंताएं हैं। हालांकि, बेरोजगारी को बड़ी चिंता मानने वालों में पिछले एक साल में 9% की कमी आई है। अब सिर्फ 28% भारतीय ही इसे अपनी सबसे बड़ी चिंता मानते हैं। महंगाई को लेकर भी चिंता 8% घटकर 30% रह गई है। जिससे यह संकेत मिलता है। कि भारतीय अब आर्थिक मामलों को लेकर थोड़े अधिक आश्वस्त हैं।
जलवायु परिवर्तन पर चिंता
भारत में जलवायु परिवर्तन से संबंधित चिंता अपेक्षाकृत कम है। केवल 13% भारतीयों ने इसे प्रमुख चिंता माना। जबकि वैश्विक स्तर पर भी केवल 16% लोग इसको लेकर चिंतित हैं। हालांकि पाकिस्तान और चीन की सीमाओं के तनाव के बावजूद केवल 10% भारतीयों ने सैन्य संघर्ष को एक प्रमुख चिंता बताया।
भारत की बदलती मानसिकता
अपराध और हिंसा: 31% लोग इसे बड़ी चिंता मानते हैं। हालांकि एक साल में इसमें 1% की कमी आई। लेकिन पिछले एक महीने में 2% की बढ़ोतरी हुई है।
इस सर्वे के परिणाम भारतीयों की बदलती मानसिकता और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में होने वाले बदलावों को दर्शाते हैं। जहां आर्थिक चिंताएं अब अन्य सामाजिक मुद्दों की तुलना में कम हो गई हैं। और लोग मुख्य रूप से अपराध हिंसा और राजनीतिक मामलों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।