Diwali Date 2024:कब मानई जाएगी दिवाली 31अक्टूबर या 1 नवंबर?: क्या है दिवाली शुभ मुहर्त
सनातन धर्म के लोगों के लिए दीवाली का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस खास पर्व के लिए लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। दीवाली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि विधिपूर्वक उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है और जातक और उसके परिवार के सदस्यों पर मां लक्ष्मी की अपार कृपा बरसती है।
इस साल दिवाली और धनतेरस की डेट को लेकर लोगों में बड़ा कन्फ्यूजन बना हुआ है। वैसे तो दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। तो आइए जान लेते हैं कि कब है कार्तिक मास की अमावस्या और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है।
धनतेरस – 29 अक्टूबर 2024
धनतेरस दिवाली के पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग सोने-चांदी के सिक्के, बर्तन, ज्वेलरी आदि चीजों की खरीदारी करते हैं। मान्यता है कि इन चीजों को खरीदने से घर में बरकत और खुशहाली आती है। इस साल धनतेरस की तिथि 29 अक्टूबर को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा। पूजा का सही समय शाम 6 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करके उनसे सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
क्या है दिवाली की तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, दिवाली यानी कार्तिक मास अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर 2024 को 3 बजकर 52 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 1 नवंबर 2024 को 6 बजकर 16 मिनट पर होगा । पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर रात को विद्यमान रहेगी। जिसके हिसाब से 31 अक्टूबर की रात को लक्ष्मी पूजन करना शुभ होगा ।
जान लें क्या है वजह
वैदिक पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि का समापन 1 नवंबर को 6 बजकर 16 मिनट पर ही हो जाएगा। जिसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। जिसमें मांगलिक पूजन वर्जित होते हैं। इसलिए दिवाली 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई जाएगी।
क्या है दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार दिवाली को प्रदोष काल की शुरुआत शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं वृषभ लग्न की शुरुआत शाम 6 बजकर 25 मिनट पर और समापन रात 8 बजकर 20 मिनट तक पर होगा। ऐसे में लक्ष्मी पूजन 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट के बीज करना शुभ होगा।