Gyanvapi Case : क्या ज्ञानवापी में सर्वे के लिए होगी खुदाई?: 33 साल से चल रही लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
ज्ञानवापी में 1991 के मूलवाद को लेकर 33 साल से चल रही लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट आज परिसर के पुनः वैज्ञानिक पुरातात्विक सर्वेक्षण को लेकर अपना फैसला सुना सकता है। जिसमें तय हो सकेगा कि ज्ञानवापी परिसर में अतिरिक् हिस्से का सर्वे होगा या नहीं यदि अनुमति मिलती है तो यह भी तय किया जाना है कि मुख्य गुंबद के नीचे चार बाई चार फुट का ट्रेंच खोदने की अनुमति मिलेगी या नहीं।
हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मुख्य गुंबद के नीचे 100 फुट का शिवलिंग मौजूद है और परिसर के शेष स्थल की खुदाई कराकर एएसआई सर्वे कराने की मांग की है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने खुदाई का विरोध किया है। यह मामला 1991 में सोमनाथ व्यास द्वारा दाखिल किए गए वाद से जुड़ा है।
मुस्लिम पक्ष लगातार कर रहा है विरोध
साथ ही कहा है कि बाकी बची जगह का और सील वजूखाने का सर्वे होना जरूरी है। इसके बाद ही पूरे परिसर की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मुस्लिम पक्ष ने शुरू से ही अतिरिक्त सर्वे और ट्रेंच खोदने का कोर्ट में विरोध किया है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मामले को लम्बा खींचने का ये एक तरीका है। जो कुछ कोर्ट से अनुमति के नाम पर मांगा जा रहा है। वो अव्यवहारिक है। सील वजूखाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई हुई है। जबकि खुदाई की अनुमति तो दी ही नहीं जा सकती है। क्यूंकि उससे मस्जिद को नुकसान हो सकता है ।
अंजुमन इंतजामिया कमेटी/ मुस्लिम पक्ष के वकील और वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता दोनों ने अपनी-अपनी दलील (आर्गुमेंट) अदालत के सामने रखा साथ में हिंदू पक्ष के द्वारा हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कई आख्यानों का भी विवरण देते हुए उसकी कॉपी अदालत के समक्ष पेश की दोनों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना ऑर्डर सुरक्षित रखा लिया था। इसी मामले में आज कोर्ट की तरफ से आदेश का आने की संभावना है।