APJ Abdul Kalam Birthday Interesting Facts: अब्दुल कलाम ने क्यों नहीं की शादी ?: कलाम बच्चों से क्यों करते थे इतना प्यार ?: कलाम की मृत्यु के बाद उन की संपत्ति क्या हुआ ?
‘मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर और भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का आज 93वां जन्मदिन है।
अब्दुल कलम का जन्म
15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मिडिल क्लास मछुआरे के घर में अब्दुल कलाम का जन्म हुआ।
कलाम 29 की उम्र में DRDO और 38 में ISRO के वैज्ञानिक बने। इसके बाद भारत की पहली मिसाइल ‘अग्नि’ बनाई, न्यूक्लियर टेस्ट में बड़ी जिम्मेदारी निभाई और फिर 71 की उम्र में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। इस सफल जिंदगी में उन्होंने शादी के बारे कभी नहीं सोचा।
वे अक्सर कहते थे कि अगर उन्होंने शादी कर ली होती तो जीवन में जो भी हासिल किया है उसका आधा भी हासिल नहीं कर पाते। उनका मानना था कि शादी और बच्चों की वजह से व्यक्ति स्वार्थी बन जाता है।
बाद के दिनों में वो शादी के सवाल का जवाब देने से बचते थे। साल 2006 में जब सिंगापुर में एक बच्चे ने डॉ. कलाम से शादी न करने की वजह पूछी तो उन्होंने सवाल को टाल दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मैं कामना करता हूं कि आप सभी को बेस्ट लाइफ पार्टनर मिले।’
कलाम ज्यादातर एक ही तरह के कपड़े क्यों पहनते थे ?
अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनने के बाद ज्यादातर एक ही तरह के कपड़े पहने देखा गया है। वे एक बंद गले का सूट पहनते थे, जिसका कॉलर बीच से कटा हुआ होता था। यह सूट कलाम ने खासतौर पर अपने लिए बनवाया था। इसलिए इसे कलाम सूट भी कहा जाता है।
दरअसल, भारत में राष्ट्रपति को क्या पहनना है, इसे लेकर कोई संवैधानिक ड्रेस कोड नहीं है। हालांकि, राष्ट्रपति को किसी कार्यक्रम में शामिल होते हुए भारतीय पोशाक पहननी होती है। इसमें शेरवानी और बंद गला मुख्य है। शुरुआत से ही सभी राष्ट्रपति भारतीय पोशाक पहनने की परंपरा को लेकर चलते आ रहे हैं।
क्या कलाम की यूनीक हेयरस्टाइल के पीछे भी कोई वजह थी ?
कलाम की पर्सनैलिटी का एक अहम हिस्सा उनकी यूनीक हेयरस्टाइल थी। वो अपने लंबे बालों को बीच से मांग निकालकर रखते थे। वेबसाइट ‘स्पीकिंग ट्री’ के मुताबिक जन्म से ही अब्दुल कलाम का एक कान आधा था, वो अपने कान को लंबे बालों से ढकते थे। उनकी हेयरस्टाइल का भी एक रोचक किस्सा है।
हेयर स्टाइलिस्ट हबीब अहमद ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘ये पोखरण-2 न्यूक्लियर टेस्ट के दिनों की बात है। इस प्रोजेक्ट में कलाम इतने व्यस्त हो गए कि महीनों तक बाल कटवाने की भी फुरसत नहीं मिली। लंबे बाल और नाखूनों के साथ कलाम पहली बार मेरे सलून पहुंचे। इससे पहले वो मेरे पिता और भाई से हेयरकट करवाते थे।
कलाम की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति का क्या हुआ?
27 जुलाई 2015 को IIM शिलॉन्ग के एक कार्यक्रम में कार्डियक अरेस्ट से कलाम का निधन हुआ। उनके पूर्व सलाहकार वी पोनराज ने बताया कि बेंगलुरु में उनके पास एक प्रॉपर्टी थी, जो उन्होंने दान कर दी थी। पिता ने उनके नाम जो घर छोड़ा था, वो भी उन्होंने अपने बड़े भाई को दे दिया था।
कलाम की निधन के समय पर उनके पास 2,500 किताबें, एक हाथ घड़ी, 6 शर्ट, 4 ट्राउजर, 3 सूट और एक जोड़ी जूते थे। उनके पास कार, टीवी यहां तक कि अपना फ्रिज भी नहीं था।
उनके रोजमर्रा के खर्च सरकारी पेंशन और किताबों की रॉयल्टी से मिलने वाले पैसों से चलते थे। उनके पास कितनी सेविंग्स थी, इसकी जानकारी नहीं है। डॉ. कलाम अपने पीछे कोई वसीयत भी नहीं छोड़ गए थे।
क्यों कहते थे “मिसाइल मैन”
उन्होंने अपना जीवन विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान में समर्पित किया और भारत के मिसाइल कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें भारतीय मिसाइल तकनीक के “मिसाइल मैन” के नाम से जाना जाता है।
बैलिस्टिक मिसाइल विकास और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के सम्मान में, उन्हें मीडिया द्वारा “भारत का मिसाइल मैन” करार दिया गया। उन्होंने 1998 में भारत के पोखरण-II परमाणु परीक्षणों में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जो 1974 में देश के शुरुआती परमाणु परीक्षण के बाद पहला परीक्षण था।
कलाम-राजू स्टेंट क्या है, जिसका आविष्कार कलाम ने किया था?
- कलाम-राजू स्टेंट को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और हृदय रोग विशेषज्ञ सोमा राजू ने मिलकर विकसित किया था
- यह एक कम लागत वाला कोरोनरी स्टेंट था.इससे कोरोनरी स्टेंट की कीमत में काफ़ी कमी आई.
- पहले आयात होने वाले स्टेंट की तुलना में इसकी कीमत में 50% से ज़्यादा की कमी आई.
- इस स्टेंट ने स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ बनाने में मदद की
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का ‘मिसाइल मैन’ कहा जाता है. उन्होंने बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास में अहम भूमिका निभाई थी. इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कलाम-राजू टैबलेट भी तैयार करवाया था.
बच्चों से इतना प्यार क्यों करते थे?
डॉ. कलाम बच्चों के बीच जाने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। बच्चों को भी कलाम से काफी लगाव था। भावनगर में एक कार्यक्रम के दौरान एक बच्चे ने उनसे पूछा था कि आपको बच्चे इतने पसंद क्यों है? इसके जवाब में डॉ. कलाम ने कहा-
आपके पास सपने और सवाल करने वाला दिमाग है। साथ ही आपकी मासूमियत, जिज्ञासा, प्रतिबद्धता, ईमानदारी और देश को महान बनाने की चिंता के चलते ही आप बच्चे मुझे पसंद हैं।