Baba Siddique: कौन थे बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी: पिता घड़ी सुधारते थे: बिहार की धरती से खास नाता जानिए
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे NCP (अजित गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में शनिवार रात 9.15 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनका पूरा नाम बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी था। अपनी इफ्तार पार्टियों के लिए मशहूर बाबा सिद्दीकी के पॉलिटिकल करियर में सुनील दत्त का अहम रोल था। पॉलिटिक्स के साथ उनका इंडस्ट्री में भी दबदबा था।
बाबा सिद्दीकी से जुडी कुछ खास बाते
बाबा सिद्दीकी का जन्म 1956 में पटना में हुआ था. गोपालगंज उनका पुश्तैनी घर है. गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड के शेखटोली गांव में बाबा सिद्दीकी का परिवार रहता था. बिहार के रहनेवाले बाबा सिद्दीकी ने मुंबई को अपना कर्म क्षेत्र बनाया और महाराष्ट्र की राजनीति में उनका एक बड़ा राजनीतक कद रहा है. वो एनडीए एक वरिष्ठ नेता थे. बांद्रा इलाके में उनका बहुत बड़ा नाम था. एक बिहारी होकर मुंबई की राजनीति में उन्होंने बहुत बड़ा नाम किया था ।
पिता करते थे घड़ी सुधारने का काम
बाबा सिद्दीकी का जन्म बिहार के पटना में अब्दुल रहीम सिद्दीकी और राजिया सिद्दीकी के घर हुआ था। पिता घड़ी सुधारने का काम करते थे और बाबा भी उनकी मदद करते। इसके बाद वे मुंबई आ गए। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई मुंबई के सेंट एनेस हाईस्कूल से और ग्रैजुएशन एमएमके कॉलेज मुंबई किया। बाबा की पत्नी का नाम शहजीम सिद्दीकी है। उनके दो बच्चे हैं। बेटी अर्शिया सिद्दीकी डॉक्टर हैं, जबकि बेटे जीशान सिद्दीकी कांग्रेस विधायक हैं।
राजनीतिक कैरियर
जियाउद्दीन सिद्दीकी, जिन्हें बाबा सिद्दीकी के नाम से भी जाना जाता है, 1977 में एक किशोर के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में शामिल हुए। उन्होंने उस समय INC की छात्र शाखा – भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के मुंबई चैप्टर के सदस्य के रूप में विभिन्न छात्र आंदोलनों में भाग लिया । वे 1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस के बांद्रा तालुका के महासचिव बने और अगले दो वर्षों के भीतर इसके अध्यक्ष चुने गए। 1988 में वे मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने। चार साल बाद वे मुंबई नगर निगम में नगर पार्षद चुने गए और पांच साल बाद फिर से इस पद पर चुने गए। वे 1999 में बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। वे 2004 और 2009 में फिर से चुने गए, इस प्रकार, अब तक वे लगातार तीन कार्यकालों तक सेवा दे रहे हैं। सिद्दीकी को 2000-2004 तक सेवा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा म्हाडा मुंबई बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था । उन्हें महाराष्ट्र सरकार के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम, एफडीए और उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री भी नियुक्त किया गया और 2004-2008 तक सेवा की। 2011 में, उन्होंने बांद्रा-खार में एक इको-गार्डन के निर्माण को वित्त पोषित किया।
व्यक्तिगत जीवन
बाबा सिद्दीकी की शादी शहज़ीन सिद्दीकी से हुई थी। उनके दो बच्चे थे; एक बेटी अर्शिया सिद्दीकी और एक बेटा जीशान सिद्दीकी ।
शाहरुख-सलमान ने गले लगाकर खत्म की दुश्मनी
हर साल की तरह साल 2013 में भी बाबा सिद्दीकी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। सलमान इस पार्टी में पहले से मौजूद थे, जबकि शाहरुख खान उनके बाद पहुंचे थे। संयोग से जिस समय शाहरुख पार्टी में पहुंचे, सलमान भी वहीं मौजूद थे। पार्टी के होस्ट बाबा सिद्दीकी पहले शाहरुख से गले मिले और फिर सलमान को भी खींचकर गले लगा लिया। बाबा सिद्दीकी से गले मिलते हुए दोनों सुपरस्टार एक ही फ्रेम में आ गए। इस दौरान सलमान के पिता सलीम खान भी मौजूद थे। बाबा सिद्दीकी से मिलने के बाद दोनों स्टार्स ने हाथ मिलाया और फिर एक-दूसरे के गले लग गए। जैसे ही शाहरुख और सलमान गले मिले, पूरी पार्टी में मौजूद कैमरे उनकी तरफ घूम गए और सभी लोग खुशी से हूटिंग करने लगे।
क्यों हुआ था शाहरुख-सलमान का झगड़ा?
दरअसल, एक समय में शाहरुख-सलमान अच्छे दोस्त हुआ करते थे। एक बार तो शाहरुख ने अपना अवॉर्ड तक सलमान के नाम कर दिया था। हालांकि साल 2008 में कटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी में दोनों के बीच बहस हो गई थी। दोनों ने एक-दूसरे को जमकर खरी-खोटी सुनाई, जिसके बाद से ही दोनों के बीच की दुश्मनी जगजाहिर हो गई। पब्लिक इवेंट में दोनों एक-दूसरे से कटे-कटे रहते थे और दोनों के बीच चल रही कॉल्ड वॉर का असर भी उनके बयानों में दिखते थे। ये दुश्मनी करीब 5 साल तक चली, जिस पर बाबा सिद्दीकी ने विराम लगाया था।
मौत
बाबा सिद्दीकी को 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई में तीन हमलावरों ने कई बार गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी उम्र 66 साल थी। सूत्रों ने बताया कि सिद्दीकी पर रात करीब 9:30 बजे उनके बेटे जीशान जो कि बांद्रा ईस्ट से विधायक हैं, के दफ्तर के पास तीन गोलियां चलाई गईं। दो लोगों को हिरासत में लिया गया।