Hinglaj Temple in Pakistan: पाकिस्तान का वो हिंदू मंदिर जिसे मुस्लिम भी मानते हैं ‘पवित्र हज: क्या कहानी है हिंगलाज माता मंदिर की ?
बलूचिस्तान प्रांत में एक ऐसा हिंदू मंदिर भी है, जहां मन्नत मांगने और दर्शन करने के लिए मुसलमान भी पहुंचते हैं। ये मंदिर है। हिंगलाज माता का मंदिर, जहां की यात्रा काफी दुर्लभ है क्योंकि इस इलाके में भीषण गर्मी होती है।

जिस मुस्लिम देश में हिंदू विरासतों को बर्बाद किया गया और धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को प्रताड़ित किया गया। वहां देवी मां का एक मंदिर आस्था का केंद्र है। दिलचस्प ये है कि सिर्फ हिंदू ही नहीं, मुस्लिम लोग भी मन्नत पूरी होने पर 110 मील की कठिन यात्रा करके यहां पहुंचते हैं। इस मंदिर को उन 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। जहां देवी सती के शरीर के हिस्से गिरे थे।
भारत के इतिहास का सबसे भयानक दौर गुलामी का था। जो करीब 1000 सालों तक रहा। 15 अगस्त 1947 में जब भारत को आज़ादी मिली तो उसके दो टुकड़े कर दिए गए हैं। एक ही ज़मीन का बंटवारा कर एक नया देश बना दिया गया और नाम दिया पाकिस्तान। बंटवारे के चलते पाकिस्तान के हिस्से कई हिंदू मंदिर भी चले गए जिन पर आज भी करोड़ों भारतीयों की आस्था है। लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जिस पर सिर्फ हिंदुओं की ही नहीं बल्कि मुस्लिम सुमदाय भी पवित्र हज की तरह मानता है।
क्या कहानी है हिंगलाज माता मंदिर की ?
इस मंदिर की उत्पति हिन्दू पौराणिक कथाओं में लिखी हुई है। जिनके मुताबिक भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता दक्ष के भगवान शिव के अपमान करने के बाद आत्मदाह कर लिया था। सती के जाने के बाद उनके वियोग में भगवान शिव उनके जले हुए शरीर के साथ ब्रह्मांड में घूमते रहे थे। भगवान शिव की इस पीड़ा को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर को 108 भागों में विभाजित कर दिया और माना जाता है कि उनका सिर उस स्थान पर गिरा था जहां अब हिंगलाज माता मंदिर है। हिंगलाज मंदिर में सती के इस रूप को देवी हिंगलाज माता की तरह पूजा जाता हैं।
मन्नत पूरी होने पर आते हैं श्रद्धालु
हिंगलाज मंदिर के पास श्रद्धालु पहले कीचड़ वाले ज्वालामुखी पर नारियल चढ़ाते हैं। फिर देवी के दर्शन करते हैं। इसके बाद वे हिंगोल नदी में स्नान करते हैं। जिसे गंगा जैसा पवित्र माना जाता है। यहां हर कोई या तो किसी मन्नत के साथ आता है। या फिर उस मन्नत के पूरे होने पर धन्यवाद कहने। पाकिस्तान में हिंदू आबादी करीब 44 लाख है। जो कुल जनसंख्या का सिर्फ 2 प्रतिशत है। यहां हिंदू अक्सर भेदभाव और सामाजिक उपेक्षा का सामना करते हैं। लेकिन हिंगलाज यात्रा उनके विश्वास और अस्तित्व का प्रतीक बन गई है।
पाकिस्तान में प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर
पाकिस्तान में हिंगलाज देवी मंदिर जैसे और भी प्रसिद्ध मंदिर है जैसे श्री रामदेव पीर मंदिर (जिसका वार्षिक रामदेवपीर मेला पाकिस्तान में दूसरा सबसे बड़ा हिंदू तीर्थयात्रा है), उमरकोट शिव मंदिर (अपने वार्षिक शिवरात्रि उत्सव के लिए प्रसिद्ध है), चुर्रिओं जबल दुर्गा माता मंदिर (शिवरात्रि समारोह के लिए प्रसिद्ध है जिसमें 200,000 तीर्थयात्री भाग लेते हैं) , ऐसे ही पाकिस्तान में अब 20 मंदिर है जो वहां रहने वाले हिंदू समुदाय में काफी मान्यता रखते हैं।