SI Paper Leak : डमी बनकर SI पेपर देने वाली सरकारी टीचर गिरफ्तार: नाम बदलने में माहिर थी वर्षा
एसआई भर्ती 2021 धांधली मामले में डमी अभ्यर्थी बनकर बैठने वाली वर्षा बिश्नोई को जोधपुर रेंज आईजी की टीम ने कोटा से आखिरकार गिरफ्तार कर लिया. वर्षा कोटा में स्टूडेंट बनकर फरारी काट रही थी।
नाम बदलने में माहिर थी वर्षा
वर्षा नाम बदलने में माहिर थी. कभी विमला बन जाती थी तो कभी कुछ और. ऐसे में एसओजी के सामने उसे गिरफ्तार करना बड़ी चुनौती थी. वर्षा इतनी शातिर थी कि उसने अपना फोन बंद कर रखा था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए कोटा के कई कोचिंग संस्थानों, ढाबों, चौराहों में खाक छानी. पुलिस ने यह काम स्टूडेंट बनकर किया. वर्षा ने अपना नाम बदलकर विमला कर लिया था. इसी नाम के फर्जी दस्तावेज बनवा लिए थे. आखिरकार पुलिस को सफलता मिली और उसे गिरफ्तार कर लिया ।
सरकारी टीचर पर पदस्थ थी वर्षा
वर्षा जोधपुर में सरकारी टीचर के पद पर लगी थी। जो डमी अभ्यर्थी बनकर कई परीक्षाएं दे चुकी है। राजस्थान पुलिस एसआई भर्ती-2021 में एसआई जगदीश सिहाग ने वर्षा को अपनी बहन इंदुबाला और भगवती की जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा में बैठाया था। वर्षा सरकारी टीचर के रूप में पहले जोधपुर में पदस्थ थी।
वर्षा बिश्नोई ने दोनों बहनों के बदले एग्जाम देने के लिए 15-15 लाख रुपए लिए थे। वर्षा बिश्नोई ने इंदुबाला और भगवती के एडमिट कार्ड पर खुद की फोटो लगाई थी। 13 सितंबर 2021 को जयपुर के झोटवाड़ा खिरणी फाटक स्थित सिद्धार्थ पब्लिक सेकेंडरी स्कूल में डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी।
ऑपेरशन का नाम क्यों रखा डॉक्टर फिक्सिट ?
वर्षा को पकड़ने के लिए पुलिस ने ऑपेरशन डॉक्टर फिक्सिट चलाया था। ऑपेरशन का ये नाम रखने का कारण था की पेपर लीक हुआ था और वांटेड का नाम वर्षा था।
पेपर लीक कैसे और कहा , किस की थी मुख्य भूमिका
RPSC ने सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के कुल 859 पदों के लिए परीक्षा ली थी। भर्ती परीक्षा 13, 14 और 15 सितंबर 2021 को हुई थी।
एसआई भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर लीक हसनपुरा में शांति नगर स्थित रवींद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुआ था।
पेपर लीक करने में स्कूल के प्रिंसिपल और परीक्षा केंद्र के अधीक्षक राजेश खंडेलवाल की मुख्य भूमिका थी।
जगदीश और ग्रेड थर्ड टीचर राजेद्र यादव ने राजेश को 10 लाख रुपए का लालच दिया था।
राजेश ने विवेक उर्फ यूनिक को पेपर स्ट्रॉन्ग रूम में छिपा दिया था। वहीं से यूनिक ने लिफाफे में चीरा लगाकर पेपर की फोटो वॉट्सऐप पर जगदीश को भेजी थी।
साल 2023 में नई सरकार बनने के बाद पेपरलीक की जांच के लिए एसआईटी की घोषणा की गई थी। मार्च 2024 से एसआई पेपरलीक कांड में गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ