PM MODI US :दौर से वापस लौटे :US में मोदी का भाषणः कहा- दुनिया में शांति के लिए वैश्विक संस्थाओं में बदलाव बहुत जरूरी, समुद्र और स्पेस भी जंग का मैदान बन रहे:भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करने की अपील की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन तक अमेरिका दौरे पर रहे। तीसरे दिन मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली (UNGA) के समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित किया। लगभग 4 मिनट के भाषण में PM मोदी ने दुनिया के सुरक्षित भविष्य को लेकर भारत का पक्ष रखा।
उन्होंने UN से विश्व की बड़ी संस्थाओं में बदलाव की मांग की। मोदी ने कहा, “मानवता की सफलता मिलकर काम करने में है। जंग के मैदान में नहीं। दुनिया की शांति के लिए वैश्विक संस्थाओं में बदलाव बहुत जरूरी हैं।”
क्या कहा प्रधानमंत्री ने-
” नई दिल्ली में अफ्रीकन यूनियन को G20 समिट की पूर्ण सदस्यता दिलाई गई। ये ग्लोबल संस्थाओं में बदलाव की तरफ अहम कदम रहा। ”
मोदी ने भाषण की शुरुआत नमस्ते कहकर की। उन्होंने कहा, “विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और उसके 140 करोड़ लोगों की तरफ से आपको नमस्कार।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का नाम लिए बिना मैरिटाइम रूट्स पर बढ़ते खतरों का भी जिक्र किया है। दरअसल, चीन ने हाल ही के सालों में हिंद महासागर और प्रशांत महासागर इलाके में अपने मौजूदगी को बढ़ाया है। भारत इस तरह के विस्तारवाद की निंदा करता है।
समिट ऑफ फ्यूचर क्यों हो रहा है?
इस समिट का मकसद धरती के भविष्य को आने वाले खतरों से बचाना है। समिट में ग्लोबल पीस, सतत विकास, क्लाइमेट चेंज, मानवाधिकार और जेंडर जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है। 2021 में UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने एक मीटिंग बुलाने की मांग की थी, जिसमें इन चुनौतियों पर चर्चा हो सके। ये समिट 3 साल की देरी से हो रही है।
2015 में UN ने दुनिया के खतरों को पहचानते हुए वर्ल्ड लीडर्स के सामने 17 लक्ष्य रखे थे। लगभग 10 साल पूरे होने को हैं इनमें से सिर्फ 17% गोल ही अचीव हो पाए हैं। 1970 से 2021 के बीच क्लाइमेट चेंज की वजह से 11,778 आपदाओं में 20 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
UN हर हाल में इन्हें रोकना चाहता है। एंटोनियो गुटेरेस का मानना है कि अगर दुनिया ने अभी कोई एक्शन नहीं लिया तो धरती को बचाने में देर हो जाएगी। इसलिए UN 22 और 23 सितंबर को समिट ऑफ फ्यूचर हुआ।
भारत का दुनिया पर मंडरा रहे खतरों पर क्या स्टैंड है?
भारत ग्लोबल साउथ देशों का नेतृत्व करता है। क्लाइमेट चेंज हो या ग्लोबल पीस या मानवाधिकार ग्लोबल साउथ देश इन मुद्दों से जूझ रहे हैं। ऐसे में भारत ये समिट कराने के पक्ष में रहा है।
समिट के मुद्दों पर भारत का स्टैंड…।
ग्लोबल पीस – PM मोदी का कहना है, “ये समय जंग का नहीं है।” भारत UNSC समेत UN के दूसरे संस्थानों में बदलाव की मांग करता है। भारत का मानना है, जब तक वैश्विक संस्थाओं में नए देशों को नहीं जोड़ा जाएगा तब तक दुनिया में कोई अहम बदलाव लाना मुमकिन नहीं है।+
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट में क्यों शामिल हुए हैं?
प्रधानमंत्री मोदी समिट में भारत का पक्ष रखने के लिए शामिल हुए। मोदी ने UN में शामिल देशों को बताया कि भारत दुनिया पर मंडरा रहे खतरों को लेकर क्या -क्या कर रहा है।
भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करने की अपील
अपने दौरे पर उन्होंने ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के सदस्यों से अमेरिका में भारत के पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करने की भी अपील की. ताकि इंडिया को प्रमोट करने और अमेरिकियों को भारत को एक्सप्लोर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके
मोदी के अमेरिका दौरे से जुड़ी ये बाते
मोदी के कंधे पर हाथ रखकर बाइडेन बोले-क्वाड बना रहेगा:UNSC में भारत की परमानेंट सीट का समर्थन किया; PM बोले- हम किसी के खिलाफ नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे के पहले दिन शनिवार (21 सितंबर) को राष्ट्रपति बाइडेन के होम स्टेट डेलावेयर पहुंचे। यहां वे देर रात 1:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई PM एंथनी अल्बनीज और जापान के PM फूमियो किशिदा के साथ क्वाड (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) समिट में शामिल हुए। बैठक के बाद क्वाड लीडर्स के फोटोशूट में बाइडेन से अमेरिकी चुनाव के बाद संगठन के अस्तित्व को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर बाइडेन ने PM मोदी के कंधे पर हाथ रखकर कहा कि क्वाड चुनाव के बाद भी बना रहे