मुरादाबाद में जमीन विवाद में फायरिंग, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी समेत दो आरोपी जेल भेजे
मुरादाबाद में जमीन विवाद के चलते फायरिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी और उनके गार्ड को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपियों से लाइसेंसी राइफल, कारतूस और खोखे बरामद किए गए।
मुरादाबाद में जमीन विवाद में फायरिंग
मुरादाबाद जिले में जमीन विवाद को लेकर हुई फायरिंग की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। इस मामले में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी और उनके निजी गार्ड को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना भोजपुर थाना क्षेत्र की बताई जा रही है, जहां खुलेआम फायरिंग किए जाने का आरोप लगाया गया है।
पीड़ित ने दर्ज कराई तहरीर, सामने आया पूरा मामला
भोजपुर थाना क्षेत्र के सिरसवा दोराहा चौकी अंतर्गत जैतपुर गांव निवासी कुलदीप सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि आंवला घाट रोड पर स्थित उनकी जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। कुलदीप सिंह के अनुसार यह विवाद सचिन चौधरी निवासी सुपरटेक कॉलोनी, थाना पाकबड़ा से चल रहा था।
पीड़ित ने बताया कि बुधवार दोपहर वह अपने साथी पवन कुमार निवासी कालाखेड़ा, थाना रजतपुर, जिला अमरोहा के साथ अपनी जमीन पर पहुंचे थे। इसी दौरान मामला गंभीर रूप ले गया।
लाइसेंसी राइफल लेकर पहुंचे आरोपी, जान से मारने की नीयत का आरोप
तहरीर के अनुसार, जैसे ही पीड़ित और उसका साथी जमीन पर पहुंचे, उसी समय सचिन चौधरी अपने गार्ड अत्यंत सिंह के साथ मौके पर पहुंचे। आरोप है कि दोनों के पास लाइसेंसी राइफल थी।
पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने उन्हें जमीन पर आने से मना किया और गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बाद जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी गई। गनीमत रही कि फायरिंग में कोई घायल नहीं हुआ और दोनों किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे।
सूचना पर पहुंची पुलिस, हथियार और कारतूस बरामद
घटना की सूचना मिलते ही भोजपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी और उनके गार्ड अत्यंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक लाइसेंसी राइफल, 10 जिंदा कारतूस और 3 खोखा कारतूस बरामद किए। बरामदगी के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू की।
गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़ित की तहरीर के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की नीयत से फायरिंग जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी। जमीन विवाद से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।
मेडिकल के बाद कोर्ट में पेश, भेजे गए जेल
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। इसके बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से कोर्ट के आदेश पर दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पुलिस का कहना है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और चाहे आरोपी किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो, कानून अपना काम करेगा।
राजनीतिक हलकों में चर्चा, इलाके में बढ़ी पुलिस निगरानी
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव का नाम सामने आने के बाद यह मामला राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि अब तक इस मामले में कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
घटना के बाद इलाके में पुलिस निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर चिंता और आक्रोश दोनों देखने को मिल रहे हैं।
पुलिस का बयान: कानून व्यवस्था से समझौता नहीं
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जमीन विवाद के मामलों में कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फायरिंग जैसी घटनाएं कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती होती हैं और ऐसे मामलों में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
निष्कर्ष
मुरादाबाद का यह फायरिंग मामला एक बार फिर दिखाता है कि जमीन विवाद किस तरह हिंसक रूप ले सकता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से जहां एक बड़ा हादसा टल गया, वहीं यह संदेश भी गया कि राजनीतिक पहचान कानून से ऊपर नहीं है।


