महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय में 19वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल बागडे ने पीएचडी उपाधि और स्वर्ण पदक प्रदान किए
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर में 19वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि और मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। कृषि नवाचार और किसान आय दोगुनी करने के लिए प्रेरित किया।
महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय में 19वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन
राज्यपाल बागडे ने कृषि नवाचार पर जोर दिया
उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के परिसर में 19वें दीक्षांत समारोह का आयोजन अत्यंत गरिमा, उल्लास और शैक्षणिक उत्साह के वातावरण में संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि और अध्यक्ष के रूप में राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम के महत्व को और बढ़ा दिया। इस समारोह में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के मेधावी शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान की गईं और शैक्षणिक तथा शोध कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदकों से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल बागडे ने दिया कृषि क्षेत्र में नवाचार का संदेश
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने नवीन डॉक्टरेट धारकों और स्वर्ण पदक विजेताओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि कृषि के क्षेत्र में निरंतर नवाचार और अनुसंधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “किसानों के हित में गुणवत्तापूर्ण बीजों का उत्पादन, मृदा की उर्वरता बढ़ाना और कृषि उत्पादकता में सुधार आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह तभी संभव है जब हमारे शोधार्थी और वैज्ञानिक एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर कार्य करें।”
प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प ‘किसानों की आय दोगुनी करना’ है मार्गदर्शक
राज्यपाल ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि इस महान लक्ष्य को प्राप्त करने में कृषि वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और शिक्षण संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी स्नातकों और शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अपने शोध, नवाचार और समर्पण के माध्यम से देश के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने में योगदान दें, ताकि किसान आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सकें।
विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति ने दर्शाया प्रगति प्रतिवेदन
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ने अपने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय की वर्ष भर की शैक्षणिक, शोध और प्रशासनिक उपलब्धियों का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने कृषि प्रौद्योगिकी, जल संरक्षण, जैविक खेती और किसान कल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण शोध प्रोजेक्ट पूरे किए हैं और अनेक नई तकनीकों को विकसित किया है जो सीधे तौर पर किसानों के लिए लाभकारी हैं।
सम्मानित विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने व्यक्त किए विचार
दीक्षांत समारोह में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले शोधार्थियों और स्वर्ण पदक से सम्मानित विद्यार्थियों ने अपनी खुशी और उत्साह साझा किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनके लिए एक नई जिम्मेदारी है और वे भविष्य में कृषि विज्ञान के क्षेत्र में और भी बेहतर कार्य करके देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कई छात्रों ने अपने शोध को सीधे खेतों तक पहुंचाने और उसे किसानों के लिए उपयोगी बनाने की इच्छा व्यक्त की।
कृषि शिक्षा के भविष्य पर प्रकाश
यह दीक्षांत समारोह न केवल एक उपाधि वितरण समारोह था, बल्कि कृषि शिक्षा और शोध के भविष्य के लिए एक रोडमैप भी प्रस्तुत करता है। डिजिटल कृषि, प्रिसिजन फार्मिंग, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन और फसल सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में युवा शोधकर्ताओं के लिए असीम संभावनाएं हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उद्योग और कृषि के बीच सेतु का कार्य करने तथा स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
एक नए युग की शुरुआत
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का यह 19वां दीक्षांत समारोह कृषि शिक्षा के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहाँ पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का समन्वय होगा। राज्यपाल के प्रेरणादायक मार्गदर्शन और विश्वविद्यालय के निरंतर प्रयासों से यह संस्थान न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के कृषि विकास में एक अग्रणी भूमिका निभाएगा। सभी नव स्नातकों और शोधार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे ‘जय जवान, जय किसान‘ के मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे।



