पारंपरिक बैल खेती और गौवंश संरक्षण योजना से लघु एवं सीमांत किसानों को मिलेगा आर्थिक संबल : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल के तहत बैलों से खेती करने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि और गोबर गैस प्लांट सब्सिडी दी जाएगी। राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जारी, अब तक 42 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त।
मुख्यमंत्री की अनूठी पहल: पारंपरिक बैल खेती और गौवंश संरक्षण :

जयपुर, 21 नवम्बर 2025 – मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण और पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस योजना के तहत बैलों से खेती करने वाले चयनित लघु एवं सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक और जैविक खेती पद्धतियों को बढ़ावा देना, गौवंश संरक्षण सुनिश्चित करना और किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना है। समय के साथ आधुनिक कृषि यंत्रों के बढ़ते उपयोग के कारण बैलों का महत्व कम होता जा रहा था। सरकार की इस योजना से पारंपरिक खेती को नई दिशा और किसानों को मजबूती मिलेगी।
बैलों का महत्व और पारंपरिक खेती का पुनरुत्थान :
बैलों से खेती करने की पद्धति न केवल खेती के लिए आवश्यक होती है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और जैविक खाद उत्पादन में भी सहायक है। मुख्यमंत्री की योजना से:
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बैलों के उपयोग और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा
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खेतों की उर्वरकता में सुधार होगा
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किसानों की आय बढ़ेगी
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जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को समर्थन मिलेगा
बैलों का संरक्षण किसानों को पारंपरिक खेती पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित करेगा और यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में सतत कृषि विकास में मददगार साबित होगी।
गोबर गैस प्लांट पर सब्सिडी :

इस योजना के तहत गोबर गैस प्लांट लगाने वाले किसानों को भी सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे:
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किसानों की कृषि लागत में कमी आएगी
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खेतों में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा
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जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित होगी
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उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी
गोबर गैस प्लांट से उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग किसान अपने खेतों और घरेलू जरूरतों में कर सकेंगे, जिससे आर्थिक और पर्यावरणीय दोनों लाभ होंगे।
राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया :
कृषि विभाग द्वारा बैलों से खेती करने वाले किसानों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है, जिसके आधार पर पात्र किसानों का चयन किया जाएगा। इस योजना में आवेदन राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किए जा रहे हैं।
अब तक 42 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें सबसे अधिक आवेदन डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर जिलों से आए हैं। पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया जारी है और इच्छुक किसान समय रहते आवेदन कर सकते हैं।
योजना के लाभ और ग्रामीण विकास :
मुख्यमंत्री की यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में सतत कृषि, पर्यावरण संरक्षण और गौवंश संरक्षण को भी सुनिश्चित करेगी।
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स्थानीय किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी
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पारंपरिक खेती पद्धति संरक्षित होगी
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ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
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जैविक खाद और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा
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बैलों के संरक्षण से कृषि स्थायित्व सुनिश्चित होगा
यह योजना राज्य सरकार की कृषि और ग्रामीण विकास नीति का हिस्सा है, जो किसानों की आय बढ़ाने, पारंपरिक खेती और गौवंश संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
निष्कर्ष :
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की यह पहल लघु एवं सीमांत किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। बैलों से खेती पर प्रोत्साहन राशि और गोबर गैस प्लांट सब्सिडी जैसे उपाय किसानों को आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ देंगे। राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन जारी हैं और अब तक हजारों किसान लाभार्थी बन चुके हैं।
यह योजना न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि राजस्थान में पारंपरिक खेती, गौवंश संरक्षण और सतत कृषि विकास को बढ़ावा देने वाली एक प्रेरक पहल है।
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