सऊदी अरब में बस और फ्यूल टैंकर भिड़ंत में मारे गए 45 भारतीय के शव सऊदी में ही दफन किए जाएंगे

सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर बस और फ्यूल टैंकर की भिड़ंत में 45 भारतीय नागरिकों की मौत हुई। मृतकों को सऊदी में ही दफनाया जाएगा, मुआवजा प्रक्रिया कठिन।

सऊदी अरब में बस हादसा: 45 भारतीयों की मौत
मक्का-मदीना हाईवे, सऊदी अरब :
सऊदी अरब के मक्का-मदीना हाईवे पर रविवार देर रात एक भयानक बस हादसा हुआ, जिसमें 45 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। ये सभी उमरा के लिए सऊदी गए थे। हादसा मुहरास के पास हुआ, मदीना से लगभग 25 किलोमीटर दूर।
बस हादसा तब हुआ जब मक्का से मदीना जा रही बस रास्ते में किनारे खड़ी थी, और पीछे से तेज रफ्तार फ्यूल टैंकर ने बस को टक्कर मार दी। घटना के समय कई यात्री सो रहे थे और बचने का कोई मौका नहीं मिला।
मृतकों को सऊदी में ही दफनाया जाएगा

तेलंगाना मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि मारे गए लोगों को धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार सऊदी अरब में ही दफनाया जाएगा।
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प्रत्येक पीड़ित परिवार से दो सदस्य अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परिजनों को शव भारत लाने या मदीना के जन्नतुल बकी में दफनाने का विकल्प दिया जा सकता है, लेकिन सऊदी कानून की वजह से शवों की वापसी मुश्किल है।
मुआवजा प्रक्रिया होगी लंबी और कठिन
सऊदी अरब में सड़क दुर्घटनाओं में सरकार की ओर से सीधा मुआवजा नहीं दिया जाता।
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मुआवजा तभी संभव है जब पुलिस जांच में टैंकर ड्राइवर या कंपनी की गलती साबित हो।
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इसके लिए परिवार को कानूनी दावा दायर करना होगा, जो कई महीनों तक लंबित रह सकता है।
हादसे में हुए नुकसान का विवरण

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मृतकों में 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं।
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केवल 1 व्यक्ति बचा है: मोहम्मद अब्दुल शोएब (24), जो ड्राइवर के पास बैठा था।
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54 लोग हैदराबाद से उमरा के लिए सऊदी गए थे। हादसा वाली बस में 46 लोग सवार थे।
परिवारों की भारी क्षति
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हैदराबाद के शेख नसीरुद्दीन (65) और परिवार की तीन पीढ़ियों के 18 सदस्य हादसे में मारे गए।
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इसमें उनके भाई, भाभी, 3 बच्चे, 3 बेटियां और रिश्तेदार शामिल हैं।
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अमेरिका से आए रिश्तेदार सिराजुद्दीन और उनके 3 बच्चे भी हादसे में मारे गए।
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
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हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार और विदेश मंत्री से शवों को भारत लाने की अपील की।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया और कहा कि अधिकारियों के माध्यम से सऊदी अधिकारियों से संपर्क में हैं।
सऊदी कानून के अनुसार शवों का प्रावधान
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हज और उमरा यात्रियों को डिक्लेरेशन फॉर्म पर साइन कराना पड़ता है, जिसमें लिखा होता है कि यदि मौत सऊदी अरब में होती है, तो शव वहीं दफनाया जाएगा।
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गैर-तीर्थयात्री भारतीय की मौत पर मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी की इच्छा के अनुसार शव भारत लाया जा सकता है या सऊदी में दफनाया जा सकता है।
निष्कर्ष:
सऊदी अरब की यह दुर्घटना भारतीय यात्रियों के लिए बेहद दुखद साबित हुई। शवों की वापसी और मुआवजा प्रक्रिया कठिन होने के कारण परिवारों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। प्रशासन और भारत सरकार मृतकों के परिजनों की हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रही है।
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