गौरन 2025: गौसंवर्धन और पर्यावरण संरक्षण में नई उपलब्धि, तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित

गौरन 2025 कार्यक्रम के दौरान गौमाया संस्था ने गौसंवर्धन मैराथन आयोजित कर इंडिया बुक, एशिया बुक और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में तीन रिकॉर्ड हासिल किए।
गौरन 2025: गौसंवर्धन के लिए विश्व इतिहास रचा, तीन रिकॉर्ड बने
गौमाया संस्था ने पर्यावरण संरक्षण और गौसंवर्धन के क्षेत्र में एक बार फिर इतिहास रच दिया है। गौरन 2025 कार्यक्रम के माध्यम से संस्था ने पहली बार विश्व स्तर पर गाय और गोबर के संरक्षण के लिए आयोजित एक आयोजन में तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए। यह आयोजन अवारी संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिली।
गौरन 2025: विश्व इतिहास में पहली बार गौसंवर्धन मैराथन

गौरन 2025 का आयोजन प्रातः 5 बजे अल्बर्ट हॉल के दक्षिणी द्वार से प्रारंभ हुआ। इस मैराथन में संपूर्ण भारत से हजारों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की विशिष्टता यह रही कि पहली बार इसे विश्व रिकॉर्ड स्तर पर आयोजित किया गया और इसमें तीन रिकॉर्ड दर्ज किए गए।
इन रिकॉर्ड्स में शामिल हैं:
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India Book of Records
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Asia Book of Records
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Golden Book of World Records
डॉक्टर सीताराम गुप्ता, गौमाया के फाउंडर ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से पर्यावरण संरक्षण और गौसंवर्धन के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।
गाय और गोबर के संरक्षण में वैश्विक मान्यता
गौमाया ने पहले भी कई कार्यक्रमों के माध्यम से गाय और गोबर के संरक्षण को वैश्विक पहचान दिलाई है। गोमय यज्ञ और गोमय समिधा के माध्यम से रावण दहन पर पांच रिकॉर्ड पहले ही प्राप्त किए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष और गौरन 2025 के चैयरमेन राजू मंगोड़ी वाला ने कहा कि गाय हमारी सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसके बिना जीवन की कल्पना अधूरी है।
कार्यक्रम संयोजक और रिकॉर्ड पार्टनर्स की भागीदारी
कार्यक्रम के संयोजक भारत सिंह राजपुरोहित ने गौमाया के वर्ल्ड रिकॉर्ड पार्टनर बनने पर आभार व्यक्त किया।
रिकॉर्ड वितरण:
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Asia Book of Records के प्रतिनिधि योगेश मित्तल
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India Book of Records के प्रतिनिधि राजा मुकीम
इन प्रतिनिधियों ने रिकॉर्ड मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान किए।
उपस्थित गणमान्य लोग और सहयोगी
इस अवसर पर कई वरिष्ठ और विशिष्ट व्यक्तित्व उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
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चीफ एडवाइजर: डॉक्टर पीएम भारद्वाज
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उपाध्यक्ष: नवीन भंडारी
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विशिष्ट सहयोगी: श्रीमान अजय गुप्ता
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संघ के वरिष्ठ प्रचारक, कई संत, महंत और गणमान्य लोग
इस आयोजन ने न केवल गौसंवर्धन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।
गौरन 2025 के महत्व और भविष्य की दिशा
गौरन 2025 कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल विश्व स्तर पर रिकॉर्ड बनाना था, बल्कि यह संदेश देना भी था कि पर्यावरण संरक्षण और गौसंवर्धन हमारी संस्कृति और जिम्मेदारी का हिस्सा हैं।
डॉक्टर सीताराम गुप्ता के अनुसार, ऐसे आयोजनों के माध्यम से:
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देश के प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सकता है
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बच्चों और युवाओं में गाय और गोबर के महत्व के प्रति शिक्षा दी जा सकती है
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भारत को वैश्विक स्तर पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट और पारिस्थितिक संतुलन में अग्रणी बनाया जा सकता है
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