सायला में MSME प्रदर्शन बढ़ाने को लेकर जागरूकता कार्यशाला आयोजित

जालौर के सायला में MSME प्रदर्शन बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में MSME नीति, ODOP योजना, RIPS-2024 और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत उद्यमियों को मार्गदर्शन और प्रशिक्षण दिया गया।
सायला में जागरूकता कार्यशाला आयोजित

MSME को बढ़ावा देना
सायला।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के प्रदर्शन और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जालौर के सायला क्षेत्र में एक जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। यह पहल राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण और शहरी उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए की जा रही है।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य MSME क्षेत्र में नए निवेशकों और छोटे व्यवसायियों को नीति, योजनाओं और सहायता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करना था, ताकि वे अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ा सकें और रोजगार सृजन में योगदान दे सकें।
आयोजन का नेतृत्व – उद्योग एवं वाणिज्य विभाग
यह कार्यशाला राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निर्देशन में आयोजित की गई। इसमें विशेष रूप से MSME नीति, निर्यात नीति, एक जिला–एक उत्पाद (ODOP) योजना, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS-2024) और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से:
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छोटे और मध्यम उद्यमों को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
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ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलता है।
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आत्मनिर्भरता और उद्यमिता को मजबूत किया जाता है।
महिलाओं और उद्यमियों के लिए विशेष जानकारी
यह कार्यशाला उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, राजस्थान सरकार के निर्देशन में आयोजित की गई, जिसमें MSME नीति, निर्यात नीति, एक जिला–एक उत्पाद (ODOP) योजना और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS-2024) और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं और स्थानीय उद्यमियों को विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। अधिकारियों ने समझाया कि कैसे:
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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत सहायता और ऋण सुविधा प्राप्त की जा सकती है।
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ODOP योजना के अंतर्गत एक विशेष उत्पाद पर केंद्रित व्यवसाय विकास किया जा सकता है।
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RIPS-2024 और निर्यात नीति के माध्यम से राजस्थान में निवेश को प्रोत्साहित और व्यवसाय बढ़ाया जा सकता है।
महिलाओं और नवोदित उद्यमियों ने कार्यशाला के दौरान अपनी जिज्ञासाएँ और समस्याएँ विभागीय टीम के साथ साझा कीं। इससे यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण स्तर पर व्यवसाय बढ़ाने और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने में ऐसे प्रशिक्षण और जानकारी अत्यंत आवश्यक हैं।
प्रतिभागियों को दी गई उद्यमिता सामग्री
कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों को उद्यमिता विकास से संबंधित सामग्री और गाइडलाइन वितरित की गई। इस सामग्री में व्यवसाय विस्तार, योजना लाभ, वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ शामिल थीं।
इस पहल का उद्देश्य था कि सभी प्रतिभागी अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक बढ़ा सकें और MSME क्षेत्र में रोजगार अवसर उत्पन्न कर सकें।
अतिथियों की भूमिका
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे:
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संग्रामराम देवासी
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एसबीआई अग्रणी बैंक मैनेजर रमेश कुमार
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अंशुल सीए
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अन्य स्थानीय अधिकारी और उद्योग प्रतिनिधि
उन्होंने प्रतिभागियों को वित्तीय सहायता, ऋण प्रक्रिया और निवेश प्रोत्साहन के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अतिथियों ने यह भी बताया कि कैसे विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर स्थानीय रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
कार्यशाला का महत्व
मुख्य उद्देश्य यह था कि MSME क्षेत्र में नवोदित और वर्तमान उद्यमियों को सम्पूर्ण जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान किया जाए। इसके माध्यम से:
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व्यवसायों का उत्पादन और प्रदर्शन बढ़ेगा
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स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे
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राजस्थान में आत्मनिर्भर और सशक्त उद्यमियों की संख्या बढ़ेगी
इस कार्यशाला से यह संदेश भी गया कि राज्य सरकार MSME क्षेत्र और विशेषकर महिलाओं के उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार पहल कर रही है।
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