वन्देमातरम के दिव्य एवं भव्य जयघोष से गुंजायमान हुआ राजस्थान आवासन भवन

जयपुर के राजस्थान हाउसिंग बोर्ड में ‘वन्देमातरम@150’ और स्वदेशी संकल्प कार्यक्रम आयोजित। राष्ट्रगीत के जयघोष से परिसर गुंजायमान हुआ और उपस्थितजनों ने स्वदेशी तथा आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया।
‘वन्देमातरम@150’ एवं स्वदेशी संकल्प कार्यक्रम का आयोजन
जयपुर :
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा और राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक राष्ट्रगीत ‘वन्देमातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड मुख्यालय, जयपुर में विशेष कार्यक्रम ‘वन्देमातरम@150’ और स्वदेशी संकल्प समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं था, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणादायी मूल्यों को स्मरण करना और भारतीय समाज में स्वाभिमान, एकता और आत्मनिर्भरता की भावना को जागृत करना था। कार्यक्रम में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी और आम जनता ने भाग लिया।
स्वदेशी संकल्प के साथ गूंजा देशभक्ति का स्वर

राज्य सरकार के निर्देशानुसार आयोजित इस अवसर पर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी सामूहिक रूप से राष्ट्रगीत ‘वन्देमातरम’ का संगठित गायन किया। पूरे परिसर में देशभक्ति की तरंगें प्रतिध्वनित होती रहीं।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और स्थानीय उत्पादों के सम्मान का संकल्प लिया। आवासन भवन का प्रत्येक कोना तिरंगे की आभा और राष्ट्रभक्ति के उल्लास से ओतप्रोत दिखाई दिया।
इस अवसर पर अधिकारी-कर्मचारियों ने राष्ट्रगीत के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानियों, माँ भारती के सपूतों और स्वदेशी आंदोलन के प्रेरणास्रोतों को नमन किया।
डॉ. रश्मि शर्मा ने बताया ‘वन्देमातरम’ की महत्ता
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि ‘वन्देमातरम’ केवल एक राष्ट्रगीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। यह गीत उस भावना का परिचायक है जिसने अंग्रेज़ी हुकूमत की जंजीरों को तोड़ने का साहस जन-जन में भरा और भारत को स्वतंत्रता के पथ पर अग्रसर किया।
उन्होंने कहा कि आज भी यह गीत हर भारतीय के हृदय में देशप्रेम और कर्तव्यबोध की ज्योति प्रज्वलित करता है।
डॉ. शर्मा ने स्वदेशी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वदेशी केवल आर्थिक स्वावलंबन का मंत्र नहीं, बल्कि यह राष्ट्रगौरव का भाव है, जो हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और आत्मनिर्भरता के पथ पर ले जाता है।
राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक आयोजन
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं था, बल्कि राष्ट्रीय चेतना, स्वदेशी भावना और एकात्मता के जीवंत प्रदर्शन का प्रतीक बन गया।
उपस्थितजनों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में ‘वन्देमातरम’ की भावना को आत्मसात करेंगे और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के वाहक बनेंगे।
कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों ने एक स्वर में ‘भारत माता की जय’ और ‘वन्देमातरम’ के जयघोष से पूरे परिसर को गूंजायमान कर दिया। इस अवसर ने सभी को देशभक्ति, स्वदेशी और राष्ट्रीय गौरव की अनुभूति कराई।
युवा और समाज को जोड़ने का प्रयास
कार्यक्रम में विशेष ध्यान यह रखा गया कि युवा वर्ग को देशभक्ति और स्वदेशी भावना से जोड़ने का प्रयास किया जाए। उपस्थित विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने स्वदेशी उत्पादों और स्थानीय हस्तशिल्प का प्रयोग करने के संकल्प के साथ राष्ट्रगीत का गायन किया।
इस पहल का उद्देश्य यह था कि देशभक्ति की भावना को हर आयु वर्ग तक पहुँचाया जाए और युवा वर्ग देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी महसूस करे।
स्वदेशी एवं आत्मनिर्भर भारत का संदेश
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने स्वदेशी उत्पादों का उपयोग और समर्थन करने का संकल्प लिया। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने इस अवसर पर स्थानीय हस्तशिल्प, मिट्टी के बर्तन और भारतीय निर्मित वस्तुएँ प्रदर्शित कीं।
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश गया कि देशभक्ति केवल भावनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के माध्यम से व्यवहारिक रूप में प्रकट होती है।
आयोजन की भव्यता और समाज पर प्रभाव
आवास भवन का हर कोना राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा झंडा और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। उपस्थितजनों ने राष्ट्रगीत और जयघोष के माध्यम से भारत माता के प्रति अपने प्रेम और सम्मान का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि राजस्थान हाउसिंग बोर्ड जैसे संस्थानों द्वारा सांस्कृतिक और राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन, समाज में राष्ट्रीय चेतना और स्वदेशी भावना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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