गुजरात मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल: 19 नए मंत्री, महिलाओं और नेताओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा
बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनावों के बीच गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया है। शुक्रवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कुल 10 पुराने मंत्रियों को हटाकर 19 नए मंत्रियों को शामिल किया गया। इस बार के फेरबदल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाया गया है।
नए मंत्रिमंडल में टीम इंडिया के क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा और पूर्व मंत्री मनीषा वकील को स्थान मिला है। इसके अलावा कांग्रेस से बीजेपी में आए राज्य के कद्दावर नेता अर्जुन मोढवाडिया और पूर्व आईपीएस पीसी बरंडा को भी मंत्री बनाया गया है। मोरबी के विधायक कांतिभाई अमृतिया भी नए मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं।
भूपेंद्र पटेल सरकार में मंत्री बनने वालों की सूची इस प्रकार है: त्रिकम छंगा, स्वरूपजी ठाकोर, प्रवीण कुमार माली, ऋषिकेश पटेल, पी.सी. बरंडा, दर्शन एम वाघेला, कांतिलाल अमृतिया, कुंवरजीभाई बावलिया, रीवाबा जडेजा, अर्जुन मोढवाडिया, डॉ. प्रधुम्न वाजा, कौशिक वेकारिया, परषोत्तम सोलंकी, जीतू वाघाणी, रमणभाई सोलंकी, कमलेशभाई पटेल, संजयसिंह महीडा, रमेश कटारा, मनीषा वकील, ईश्वरसिंह पटेल, प्रफुल्ल पानशेरिया, हर्ष संघवी, जयरामभाई गामित, नरेश पटेल और कनुभाई देसाई।

महत्वपूर्ण नामों को नहीं मिली जगह
भूपेंद्र पटेल ने 19 नए मंत्रियों को शामिल किया, जबकि राज्य में मंत्रिमंडल में अधिकतम सदस्य संख्या 27 हो सकती है। पिछले मंत्रिमंडल की तुलना में इस बार 9 और मंत्रियों को जोड़ा गया है। हालांकि, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जयेश रादडिया जैसे चर्चित नामों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला। मौजूदा विधानसभा स्पीकर शंकर चौधरी के मंत्री बनने की संभावना भी थी, लेकिन उन्हें स्थान नहीं मिला और अब वे विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे।
बड़े नेताओं में जीतू वाघाणी को फिर से मंत्री बनाया गया है। वे गुजरात में पूर्व में बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वहीं, अल्पेश ठाकोर की जगह स्वरूपजी ठाकोर को मौका मिला। इस बदलाव से राजनीतिक समीकरणों में नए संतुलन की उम्मीद जताई जा रही है।

महिला प्रतिनिधित्व और नए चेहरों का समावेश
नए मंत्रिमंडल में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया गया है। रिवाबा जडेजा और मनीषा वकील जैसे नाम शामिल किए गए हैं, जो अपने क्षेत्र और पार्टी के लिए महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं। रिवाबा जडेजा की नियुक्ति से युवा और महिला मतदाताओं के बीच पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश की गई है।
इसके अलावा नए मंत्रियों में पूर्व आईपीएस पीसी बरंडा और मोरबी के विधायक कांतिभाई अमृतिया को शामिल करना प्रशासनिक अनुभव और क्षेत्रीय संतुलन दोनों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। अर्जुन मोढवाडिया को मंत्री बनाना पार्टी द्वारा कांग्रेस से आए नेताओं के समावेश को दिखाता है।

राजनीतिक संतुलन और अगले चुनाव की तैयारी
भूपेंद्र पटेल के इस मंत्रिमंडल फेरबदल से राज्य में बीजेपी की राजनीतिक स्थिति मजबूत होती दिख रही है। नए मंत्रियों में अनुभव और युवा नेताओं का संतुलन रखा गया है। बड़े नेताओं को बाहर रखना और नए चेहरों को मौका देना अगले चुनाव की तैयारी का संकेत माना जा रहा है।
मंत्री बनने वाले नए और पुराने नेताओं में क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। इससे बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनावों में लाभ मिलने की उम्मीद है।

