Jaipur News: मेडिकल कॉलेजों में ग्रुप-2 डॉक्टर्स की भर्ती पर बवाल, जयपुर में रैली और नारेबाजी

राजस्थान में ग्रुप-2 (सेवारत चिकित्सकों) को सीधे एसोसिएट प्रोफेसर बनाए जाने की प्रक्रिया का मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी डॉक्टर्स ने खुलकर विरोध किया है। इसी के तहत रविवार को जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों के डॉक्टर्स ने रैली निकाली। रैली की शुरुआत एसएमएस अस्पताल से हुई और यह मेडिकल कॉलेज परिसर तक पहुंची। इस दौरान सुबह 8 से 10 बजे तक ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहीं, जिससे मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
रैली में जयपुर के बड़े अस्पतालों के डॉक्टर्स शामिल
रैली में एसएमएस अस्पताल, जनाना अस्पताल, महिला चिकित्सालय, गणगौरी, जे.के. लोन, सुपर स्पेशियलिटी यूनिट, और अन्य संबद्ध अस्पतालों के फैकल्टी डॉक्टर्स शामिल हुए। सभी डॉक्टर्स ने सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की और हाथों में तख्तियां-बैनर लेकर प्रदर्शन किया। रैली राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित की गई।
रैली का रूट और विरोध का तरीका
डॉक्टर्स की रैली एसएमएस अस्पताल से शुरू होकर धन्वंतरी, ट्रोमा सेंटर, चरक भवन होते हुए मेडिकल कॉलेज परिसर तक पहुंची। इससे पहले डॉक्टर्स एसएमएस अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक भवन के पोर्च पर इकट्ठा हुए और सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध जताया।
डॉक्टर्स की प्रमुख मांगें
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मेडिकल कॉलेजों में ग्रुप-2 डॉक्टर्स की लेटरल एंट्री (सीधी नियुक्ति) को तुरंत रोका जाए।
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एसोसिएट प्रोफेसर की बजाय केवल असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से भर्ती की शुरुआत हो।
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सभी भर्तियां केवल RPSC के माध्यम से ही की जाएं।
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NMC के नियमानुसार फेकल्टी डॉक्टर्स की समय पर DPC (Departmental Promotion Committee) की जाए।
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सरकार मेडिकल कॉलेजों में नियमित भर्ती की स्पष्ट और ठोस नीति लागू करे।
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PG डिग्रीधारी डेमोंस्ट्रेटर को अनुभव के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर पदोन्नति दी जाए।
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सरकार द्वारा बनाई गई नियुक्ति/समायोजन समिति को तत्काल भंग किया जाए।
12 दिनों से चल रहा है आंदोलन
एसोसिएशन के डॉक्टर्स का यह विरोध प्रदर्शन केवल आज की रैली तक सीमित नहीं है। वे पिछले 12 दिनों से एसएमएस अस्पताल परिसर में लगातार धरना दे रहे हैं। इसके साथ ही रोजाना 2 घंटे OPD बहिष्कार कर अपना विरोध जता रहे हैं।
क्या है मामला?
जुलाई में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि राज्य सेवा में कार्यरत PG धारक ग्रुप-2 डॉक्टर्स को अनुभव के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस पर अमल करते हुए एक नियुक्ति समिति बनाई और पात्र डॉक्टर्स की सूची तैयार की। इसी प्रक्रिया का फैकल्टी डॉक्टर्स जोरदार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे न केवल मेधावी युवाओं के अवसर छिनेंगे, बल्कि मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

