Jaipur News: मूकबधिर कॉलेज में करियर सेमिनार: 55 युवाओं को रोजगार मिला
राज्य सरकार के कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए उप प्रादेशिक रोजगार कार्यालय जयपुर के तत्वावधान में शुक्रवार को राजकीय मूकबधिर महाविद्यालय, गांधी सर्किल, जयपुर के परिसर में एक दिवसीय करियर सेमिनार एवं कैंपस प्लेसमेंट शिविर का आयोजन किया गया।

उपनिदेशक, उप प्रादेशिक रोजगार कार्यालय जयपुर श्रीमती नवरेखा ने बताया कि इस एक दिवसीय शिविर में 118 मूक बधिर आशार्थियों ने भाग लिया। शिविर में 5 निजी नियोजकों ने भाग लेकर अपनी रिक्तियां प्रस्तुत कीं, जिनमें से 45 आशार्थियों का प्राथमिक चयन तथा 10 आशार्थियों का प्रशिक्षण हेतु चयन किया गया। इस प्रकार कुल 55 युवाओं को रोजगार का अवसर मिला।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार मूक बधिर आशार्थियों के लिए ऐसा आयोजन किया गया। उन्होंने मूकबधिर युवाओं को “ईश्वर का विशेष उपहार” एवं “सितारे जमीं पर” बताते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य हेतु बड़े स्तर पर रोजगारपरक आयोजन करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने रोजगार विभाग की योजनाओं एवं अवसरों की जानकारी साझा करते हुए युवाओं को प्रेरणादायक संदेश दिया।
श्री मनोज भारद्वाज, संस्थापक नुपूर संस्थान एवं राजस्थान पुलिस बधिर सहायता केंद्र जयपुर ने कहा कि मूक बधिर आशार्थियों को रोजगार से जुड़ने के लिए विभिन्न संस्थानों का भ्रमण करना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध अतिरिक्त आरक्षण का लाभ लेने तथा साइन लैंग्वेज क्यूआर कोड के उपयोग पर भी मार्गदर्शन दिया।
श्रीमती सीमा कश्यप, प्रभारी, रोजगार परामर्श केंद्र, मूकबधिर महाविद्यालय, जयपुर ने आत्मनिर्भरता एवं कौशल विकास पर जोर दिया, वहीं श्रीमती सुनिता मीणा, प्राचार्या, राजकीय मूकबधिर महाविद्यालय ने छात्रों को विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध रोजगार अवसरों का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम में होटल हिल्टन के मुख्य प्रबंधक श्री रितेश मिश्रा ने होटल इंडस्ट्री में रोजगार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और मौके पर ही 3 आशार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। होटल टपरी के प्रबंधक श्री रौनक बाफना ने भी प्रेरणादायी संबोधन दिया और मौके पर ही युवाओं का चयन किया।
शिविर में रोजगार विभाग के श्री अविनाश कासलीवाल (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी) एवं सुश्री योगिता वर्मा (वरिष्ठ सहायक) ने सक्रिय भूमिका निभाई। यह आयोजन मूक बधिर युवाओं को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है।

