Voter Verification: चुनाव आयोग देशभर में करेगा वोटर लिस्ट का सत्यापन: 10 सितंबर को अहम बैठक
चुनाव आयोग (ECI) पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की तैयारी में जुट गया है। इस प्रक्रिया को लेकर 10 सितंबर को दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) शामिल होंगे।

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, इस बैठक में देशभर में SIR को लागू करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यह बैठक मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के फरवरी में पदभार संभालने के बाद तीसरी बड़ी बैठक होगी।
चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि बिहार में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई वोटर लिस्ट जांच प्रक्रिया को अब देशभर में लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत 2025 के अंत तक हो जाएगी, ताकि 2026 में होने वाले असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा सके।
बिहार बना मॉडल, अब देशभर में विस्तार की तैयारी
इस साल जून 2025 में बिहार में SIR की शुरुआत करते हुए चुनाव आयोग ने पहली बार यह संकेत दिया था कि इसे देशभर में लागू करने की मंशा है। आयोग ने स्पष्ट किया था कि बदलते सामाजिक-तकनीकी परिदृश्य को देखते हुए मतदाता सूची के प्रबंधन में व्यापक सुधार की आवश्यकता है, और SIR इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
बिहार में जारी SIR प्रक्रिया के दौरान अब तक बड़ी संख्या में डुप्लीकेट वोटरों की पहचान, तथा मृतक या स्थानांतरित मतदाताओं के नामों को सूची से हटाने का काम किया गया है। साथ ही नए मतदाताओं का पंजीकरण भी अधिक सुलभ और तेज बनाया गया है।
बैठक में उठेंगे तकनीकी और लॉजिस्टिक मुद्दे
बैठक में यह चर्चा होगी कि SIR को वास्तव में लागू करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें तकनीकी सहायता, मानव संसाधन, जनजागरूकता अभियान, और संभावित समय-सीमा जैसे मुद्दों पर भी सुझाव लिए जाएंगे। आयोग संभवतः बैठक के बाद दिशा-निर्देश जारी कर सकता है और एक चरणबद्ध कार्ययोजना के तहत इसे संपूर्ण भारत में लागू करने की घोषणा कर सकता है।
स्क्रीनिंग के 4 नियम
- वोटर का नाम अगर 2003 की लिस्ट में है तो कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। सिर्फ फॉर्म भरना होगा।
- 1 जुलाई 1987 से पहले जन्म हुआ है तो जन्मतिथि या जन्मस्थान प्रमाण देना होगा।
- 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म हुआ तो जन्मतिथि और जन्मस्थान दोनों का प्रमाण देना होगा।
- 2 दिसंबर, 2004 के बाद जन्मे हैं तो जन्मतिथि, जन्मस्थान का प्रमाण और माता-पिता के दस्तावेज देने होंगे।
बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का विपक्ष ने किया विरोध
बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन (SIR) को लेकर विपक्षी महागठबंधन ने 9 जुलाई को बंद का आह्वान किया था। इस दौरान सात शहरों में ट्रेनें रोकी गईं और 12 राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम कर दिया गया।
पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, “महाराष्ट्र के चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी और अब बिहार में भी चुनाव चोरी करने की कोशिश की जा रही है। उन्हें पता है कि हमने महाराष्ट्र मॉडल को समझ लिया है, इसलिए वे बिहार मॉडल ला रहे हैं। यह गरीबों के वोट छीनने का तरीका है।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चला। पूरे सत्र के दौरान विपक्ष ने संसद परिसर और सदन में प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसद बिहार SIR पर चर्चा कराने की मांग करते रहे। उनके विरोध और हंगामे के कारण दोनों सदनों में आखिरी दिन भी सदन की कार्यवाही नहीं हो सकी।

