गहलोत दे रहे SIR को राजनीतिक रंग, लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला चिंताजनक: मदन राठौड़

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के आरोपों पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का तीखा हमला
जयपुर : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर लगाए गए गंभीर आरोपों को “बिना तथ्य, बिना आधार और राजनीतिक भ्रम फैलाने वाली मानसिकता” बताया।
राठौड़ ने कहा कि चुनाव आयोग देश की सबसे विश्वसनीय संवैधानिक संस्था है, और उसके खिलाफ “बेवकूफी”, “मिलीभगत” और “खराब नीयत” जैसे शब्दों का प्रयोग लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा प्रहार है।
“कांग्रेस की पुरानी आदत—संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाना”
राठौड़ ने कहा कि जब कांग्रेस को राजनीतिक जमीन खिसकती नजर आती है, तब वह संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर देती है।
उन्होंने कहा कि गहलोत के आरोप न केवल भ्रामक हैं, बल्कि जनता को गुमराह करने की साजिश भी है।
कहा—
“चुनाव आयोग पर हमला करना कांग्रेस का पुराना पैटर्न है। हार का डर बढ़ता है तो वे पहले से बहाने गढ़ना शुरू कर देते हैं।”
SIR को आत्महत्या और बंगाल घटनाओं से जोड़ना बेहद गैरजिम्मेदाराना
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि SIR प्रक्रिया को आत्महत्याओं या बंगाल की घटनाओं से जोड़ना “बेहद संवेदनशील विषयों पर राजनीति करना” है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान जनता के भावनात्मक शोषण और राजनीतिक लाभ के लिए दिए जा रहे हैं।
राठौड़ ने कहा—
“गहलोत जिस तरह आत्महत्या जैसे मुद्दों को राजनीति में खींच रहे हैं, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बिना प्रमाण ऐसे बयान देना निंदनीय है।”
“बिहार चुनावी पराजय से बौखलाए गहलोत, जनता को सड़कों पर लाने की उकसाहट दे रहे”
मदन राठौड़ ने गहलोत द्वारा बार-बार लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील को लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला बताया।
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद गहलोत स्पष्ट रूप से बौखलाए हुए हैं और चुनाव प्रक्रिया पर संदेह पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
राठौड़ ने कहा—
“गहलोत जनता के बीच अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके बयान हार की हताशा में दिए गए राजनीतिक शो हैं।”
बिहार में 65 लाख गलत नाम हटाए गए—प्रक्रिया पूरी तरह तथ्यों पर आधारित
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि बिहार SIR के दौरान मृतकों, पलायन कर चुके लोगों, और डुप्लिकेट नामों सहित 65 लाख नामों को हटाया गया।
यह पूरी तरह कानूनी और डेटा-आधारित प्रक्रिया थी, जिसे पारदर्शिता और शुद्ध मतदाता सूची के लिए किया गया।
उन्होंने कहा—
“मृत, पलायन कर चुके या डुप्लिकेट वोटरों को सूची से हटाना गलत नहीं। SIR प्रक्रिया पहले भी होती रही है। कांग्रेस इसे राजनीति का मुद्दा बनाकर खुद की हार से बचाव कर रही है।”
भाजपा पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के पक्ष में: राठौड़
राठौड़ ने कहा कि भाजपा हमेशा पारदर्शी और मजबूत चुनावी व्यवस्था की पक्षधर रही है। चुनाव आयोग भी सभी दलों को समान अवसर प्रदान करता है।
ऐसे में आयोग पर किसी भी तरह की दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी करना न केवल संस्था का अपमान है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक संरचना को कमजोर करने जैसा है।
कहा—
“चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उंगली उठाना राष्ट्रहित के खिलाफ है। यह संस्था सभी दलों के लिए समान और निष्पक्ष है।”
“गहलोत का बयान राजनीतिक दिवालियापन का प्रमाण”
राठौड़ ने कहा कि गहलोत के ताज़ा बयान उनके राजनीतिक दिवालियापन और बौखलाहट का प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी गिरती स्थिति से विचलित होकर अब संवैधानिक संस्थाओं को कठघरे में खड़ा करने में लगी है।
राठौड़ ने कहा—
“कांग्रेस की हालत चरमराई हुई है। गहलोत को चुनाव आयोग पर आरोप लगाने से पहले अपने जनाधार की गिरावट देखनी चाहिए।”
कांग्रेस का उद्देश्य — चुनावों से पहले भ्रम फैलाना
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस SIR पर भ्रम फैलाकर जनता के मन में शंका पैदा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह माहौल बनाना चाहती है कि चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी होगी, ताकि अपनी संभावित हार के लिए पहले से ही रास्ता तैयार किया जा सके।
आम जनता SIR को समझ रही — इसलिए कांग्रेस की रणनीति विफल
राठौड़ ने कहा कि आज की जनता जागरूक है और SIR के महत्व को समझती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितना भ्रम फैलाए, मतदाता जानते हैं कि SIR प्रक्रिया मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए ही की जाती है।
संवैधानिक संस्थाओं पर हमले के खिलाफ भाजपा का सख्त रुख
राठौड़ के अनुसार, लोकतंत्र की विश्वसनीयता तभी मजबूत रहती है जब सभी राजनीतिक दल संवैधानिक संस्थाओं पर पूरा विश्वास रखें।
उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा इस तरह के बयानों का दृढ़ता से मुकाबला करेगी और हर स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा करेगी।
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