Jagdeep Dhankhar Pension Update: उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद पुनः शुरू हुई पूर्व विधायक पेंशन
जयपुर, 6 सितंबर — पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राजस्थान विधानसभा से पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन मंजूर कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने धनखड़ के आवेदन और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर होने की तारीख से उनकी पूर्व विधायक पेंशन चालू कर दी है। अब उन्हें हर महीने लगभग 42 हजार रुपए पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी।

धनखड़ ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में पूर्व विधायक पेंशन के लिए आवेदन किया था। इससे पहले वे 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक रहे। जुलाई 2019 में पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल बनने के कारण उनकी पूर्व विधायक पेंशन बंद हो गई थी, लेकिन अब उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह पुनः शुरू हो गई है।
75 वर्ष की उम्र के कारण धनखड़ को पेंशन में 20 प्रतिशत अतिरिक्त बढ़ोतरी मिली है। एक बार के विधायक को मूल पेंशन 35 हजार रुपए प्रतिमाह मिलती है, जिसमें उम्र के आधार पर बढ़ोतरी शामिल होती है, जिससे उनकी पेंशन 42 हजार रुपए तक पहुंच गई है।
राजस्थान विधानसभा नियमों के अनुसार, अगर पूर्व विधायक सैलरी वाले पद पर नियुक्त हो जाता है तो उनकी पेंशन बंद हो जाती है। सैलरी वाले पद से मुक्त होते ही वे पुनः पेंशन के पात्र बनते हैं, जिस प्रक्रिया के तहत धनखड़ ने भी आवेदन किया।
पूर्व विधायकों को पेंशन के अलावा अनेक अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जैसे मुफ्त इलाज, रोडवेज में मुफ्त यात्रा, विदेश यात्रा के लिए वार्षिक 1 लाख रुपए तक की राशि, सरकारी आवासों और गेस्ट हाउसों में रियायती दरें आदि। अब धनखड़ भी इन सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
धनखड़ को पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक की तीनों पेंशन प्राप्त होंगी। हालांकि, पूर्व राज्यपाल को पेंशन नहीं मिलती, इसलिए पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल रहे धनखड़ को राज्यपाल की पेंशन नहीं मिलेगी।
धनखड़ 1989 से 1991 तक झुंझुनूं से सांसद रहे और 1990 में संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी रहे। 30 जुलाई 2019 से 18 जुलाई 2022 तक वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे।

