Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं में 9वीं की छात्रा ने की खुदकुशी; परिजनों ने हॉस्टल वार्डन पर लगाए गंभीर आरोप
राजस्थान के झुंझुनूं में 9वीं कक्षा की छात्रा ने फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया कि उनकी बेटी हॉस्टल वार्डन से परेशान थी। जबकि, स्कूल वालों ने मामले में कुछ और ही बात बताई. क्या है ये पूरा मामला आइए, जानते हैं…….

राजस्थान के झुंझुनूं में 9वीं क्लास की छात्रा ने खुदकुशी कर ली, इससे पूरे इलाके में हड़कंपच मच गया। छात्रा हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी. परिजनों ने का कहना है कि उनकी बेटी ससुसाइड नहीं कर सकती. वो अपने हॉस्टल की वार्डन से परेशान थी. वो उस पर चोरी का इल्जाम लगाती थी मामला कुछ और ही है। उधर, दूसरी तरफ स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि छात्रा ने कहा कि बच्ची परिवार से ही परेशान थी। मामला बगड़ थाना इलाके के पीरामल गर्ल्स स्कूल का है। यहां 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा जीविका शर्मा (14) ने रविवार दोपहर 3 बजे हॉस्टल में फंदा बनाकर जान दे दी। पिता का कहना है कि वह स्ट्रॉन्ग लड़की थी। ऐसा नहीं कर सकती। बोले- मेरी बेटी ने बताया था कि हॉस्टल वार्डन उसे परेशान करती है। चोरी करने का आरोप भी लगाती है।
स्कूल प्रिंसिपल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा- बच्ची को यहां कोई समस्या नहीं थी. रविवार को छात्रा ने वार्डन से 100 रुपए मांगे थे। इस पर वार्डन ने पहले उसके पेरेंट्स से बात करने को कहा था. मगर आधे घंटे बाद उसने सुसाइड कर लिया।
पुलिस ने कहा- हमें छात्रा द्वारा सुसाइड की खबर मिली थी। जीविका गुरुग्राम की रहने वाली थी और यहां पीरामल गर्ल्स स्कूल में 9वीं क्लास में पढ़ती थी। छात्रा के पिता दुर्गेश ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ रिपोर्ट दी है। मामला दर्ज कर जांच जारी है।
पिता का बयान:
पीड़िता के पिता दुर्गेश कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया, “मेरी बेटी जीविका, कक्षा 9वीं की छात्रा थी और स्कूल के हॉस्टल में रहती थी। आखिरी बार 29 अगस्त को गणेश विसर्जन के दिन मेरी उससे बात हुई थी। वह स्कूल के कार्यक्रम में भाग लेने जा रही थी और हमने सामान्य बातचीत की थी। उस दौरान जीविका ने बताया था कि हॉस्टल की वार्डन पूनम उसे लगातार परेशान करती है और उस पर चोरी का झूठा आरोप लगा रही है।
उन्होंने आगे कहा, “जीविका ने यह भी बताया था कि हॉस्टल वार्डन, हॉस्टल की लड़कियों का संपर्क बाहरी लड़कों से करवाती है, जिससे वह बहुत परेशान थी।
पैरेंट्स से पूछना पड़ता था हमें
स्कूल की प्रिंसिपल कविता अग्रवाल ने बताया- बच्ची यहां खुश थी। हमें उसे कहीं ले जाना हो या कुछ दिलाना हो तो उसके पेरेंट्स से बात करनी पड़ती थी। ऐसे में कई बार वह कुछ चीज मांगती तो हमें उसके पेरेंट्स से पूछना पड़ता था। ऐसे में कई बार वे दिलाते थे और नहीं भी दिलाते थे। मुझे लगता है उसके परिवार से ही कुछ समस्या थी।

