Monsoon Alert: राजस्थान में झमाझम बारिश से टॉप-10 में शामिल हुआ मानसून: 5 जिलों में बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान में मानसून सीजन के तीन महीने निकल गए हैं। इस बार तीनों ही महीनों में मानसून की बारिश औसत से ज्यादा हुई। 5 जिलों में बाढ़ के हालात बन गए। रिपोर्ट देखें तो पिछले 125 साल (सन1901 से 2024 तक) के टॉप-10 सीजन में से मौजूदा सीजन सातवें नंबर पर आ गया है। बारिश का दौर इसी तरह चला तो संभावना है कि ये सीजन टॉप-10 की सूची में तीसरे नंबर पर आ सकता है।

मौसम केंद्र जयपुर (Jaipur Meteorological Centre) ने जानकारी दी है कि अगले 5-6 दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा खासकर पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में ज्यादा बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने आगामी 2-3 दिन के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert Rajasthan) भी जारी किया है।
अगस्त महीने में औसत से ज्यादा बरसात मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- इस बार 1 से 31 अगस्त तक प्रदेश में कुल 184MM बरसात हुई। जो 155.8MM औसत बरसात से 18 फीसदी ज्यादा है। अगस्त में ज्यादातर मानसून का प्रभाव पश्चिमी राजस्थान के हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, श्रीगंगानगर, जालोर, बीकानेर के अलावा दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर, बारां, कोटा, सीकर, जयपुर, दौसा जिलों में रहा। इन सभी जिलों में पूरे अगस्त महीने में औसत से ज्यादा बरसात दर्ज हुई।
इन जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, पाली में भारी बरसात से अगस्त के महीने में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। 20 से 30 अगस्त के बीच कई जगह भारी बारिश दर्ज हुई। इस पूरे महीने में सबसे ज्यादा 503MM बरसात बूंदी के नैनवां में एक ही दिन में दर्ज हुई। भारी बारिश के इन जिलों के कई इलाके पानी में डूब गए और कई लोग इसकी चपेट में आने से मर गए।
कोटा (Kota Weather Update) और हाड़ौती क्षेत्र के कई हिस्सों में सोमवार को लगातार बारिश होती रही। कोटा शहर में सुबह 9 से 11 बजे के बीच कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश हुई जिससे मौसम ठंडा हो गया।
इन जिलों में हुई कम बारिश अगस्त के महीने में राजसमंद, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, सिरोही, बाड़मेर और पाली ऐसे जिले हैे, जिनमें अगस्त के महीने में औसत से कम बरसात हुई है।
अब तक 624.4MM बरसात प्रदेश में इस मानसून सीजन (1 जून से 1 सितंबर तक) में 624.4MM बरसात हो चुकी है। जो पूरे सीजन (1 जून से 30 सितंबर तक) की सामान्य बारिश 435.6MM से 43 फीसदी ज्यादा है। पिछले 125 सालों की रिपोर्ट देखे तो साल 1917 में सबसे ज्यादा बरसात 844.2MM राजस्थान में हुई थी। जबकि दूसरी सबसे ज्यादा बरसात सन 1908 में 682.2MM दर्ज हुई थी।
| जिला | वास्तविक बारिश (मिमी) | सामान्य बारिश (मिमी) | अंतर (%) |
|---|---|---|---|
| अजमेर | 145.6 | 168.5 | -14% |
| अलवर | 187 | 197.3 | -5% |
| बांसवाड़ा | 327.3 | 341.2 | -4% |
| बारां | 373.4 | 310.6 | 20% |
| भरतपुर | 202.8 | 198.6 | 2% |
| भीलवाड़ा | 180.8 | 232.6 | -22% |
| बूंदी | 424.3 | 238.3 | 78% |
| चित्तौड़गढ़ | 167.6 | 283.3 | -41% |
| दौसा | 346.4 | 216.1 | 60% |
| धौलपुर | 217.3 | 217.8 | 0% |
| डूंगरपुर | 272.7 | 266.9 | 2% |
| जयपुर | 256 | 181 | 41% |
| झालावाड़ | 198.6 | 341 | -42% |
| झुंझुनूं | 129.8 | 135.5 | -4% |
| करौली | 251.3 | 233.8 | 7% |
| कोटा | 309.7 | 275.4 | 12% |
| प्रतापगढ़ | 339.8 | 355.4 | -4% |
| राजसमंद | 150.4 | 196.5 | -23% |
| सवाई माधोपुर | 316.3 | 251.2 | 26% |
| सीकर | 240.5 | 128.7 | 87% |
| सिरोही | 300.3 | 308.7 | -3% |
| टोंक | 316.3 | 217.1 | 46% |
| उदयपुर | 277 | 221.1 | 25% |
| बाड़मेर | 93.5 | 99.2 | -6% |
| बीकानेर | 109 | 76 | 43% |
| चूरू | 204.7 | 101.1 | 102% |
| हनुमानगढ़ | 229.9 | 73.4 | 213% |
| जैसलमेर | 67.6 | 62.7 | 8% |
| जालौर | 180.6 | 144.2 | 25% |
| जोधपुर | 105 | 100.7 | 4% |
| नागौर | 204.1 | 121.4 | 68% |
| पाली | 173.9 | 181.2 | -4% |
| गंगानगर | 189.5 | 60.2 | 215% |
अब आगे क्या? मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- राजस्थान में सितंबर के महीने में भी मानसून पहले दो सप्ताह एक्टिव फेज में रहने की संभावना है। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में मानसून के ज्यादा सक्रिय रहने की संभावना है। इसके कारण राज्य सितंबर के महीने में भी सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।

