Khatushyamji Update: रिंगस-खाटू श्याम के बीच 17 किमी नई रेल लाइन की मंजूरी: 254 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, साल 2024-25 और 2025-26 (जून 2025 तक) में रींगस और दिल्ली क्षेत्र के बीच क्रमशः कुल 4.98 लाख और 1.25 लाख लोगों ने आरक्षण कराकर सफर किया।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राजस्थान के रिंगस से खाटू श्याम मंदिर तक सीधी रेल सेवा शुरू करने के लिए 17 किलोमीटर लंबी नई लाइन को मंजूरी दी गई है और इसके लिए जमीन अधिग्रहण शुरू हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि ई-टिकट बुक करने वाले यात्री सिर्फ 45 पैसे में रेलवे की वैकल्पिक यात्रा बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं। जिसका क्लेम सीधे बीमा कंपनी से किया जा सकता है।
रेल मंत्री ने लिखित जवाब में कहा, फिलहाल खाटू श्याम मंदिर के लिए रिंगस स्टेशन रेलवे का मुख्य केंद्र है। यहां से दिल्ली तक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की आठ जोड़ियां (दोतरफा ट्रेनें) चलती हैं, जिनमें से तीन जोड़ियां रोजाना चलती हैं। उन्होंने आगे बताया, खाटू श्याम के लिए सीधे संपर्क के मकसद से रिंगस-खाटू श्याम (17 किलोमीटर) नई रेल लाइन को 254 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है। इसके लिए वर्ष 2025-26 के लिए 43 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है।
दिल्ली से 8 जोड़ी ट्रेनें चलती हैं
राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू कस्बे में ही खाटू श्याम का प्रसिद्ध मंदिर है। वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा, ‘‘खाटू श्याम जी के मंदिर जाने के लिए अभी मुख्य रेलवे स्टेशन रींगस है। वर्तमान में दिल्ली से रींगस के लिए आठ जोड़ी मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं।
अलवर रूट के सवाल पर रेल मंत्री ने बताया कि दिल्ली-अलवर नई रेलवे लाइन (सोहना, नूंह, फिरोजपुर झिरका मार्ग) को ट्रैफिक अनुमान कम होने के चलते आगे नहीं बढ़ाया गया. हालांकि, दिल्ली-अलवर पहले से ही रेवाड़ी मार्ग से जुड़ा है.
रेलवे मंत्री ने बताया कि कोटा से जयपुर के बीच 29 जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं. इसके अलावा, कोटा-रींगस के बीच 3 जोड़ी नियमित ट्रेनें और 3 जोड़ी विशेष ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं.
रेल यात्रा बीमा: ₹0.45 प्रीमियम में सुरक्षा
रेल मंत्री ने बताया कि यात्री टिकट बुकिंग के समय ₹0.45 प्रीमियम देकर बीमा ले सकते हैं। इसमें सभी टैक्स शामिल हैं और पॉलिसी की जानकारी एसएमएस व ईमेल से भेजी जाती है। बीमा जारी करना और क्लेम प्रक्रिया बीमा कंपनी की जिम्मेदारी है, रेलवे की कोई भूमिका नहीं होती। पिछले 5 वर्षों में 333 यात्रियों/परिजनों को कुल ₹27.22 करोड़ का भुगतान किया गया है।

