Odisha Girl Burning Case Update: ओडिशा में 15 साल की लड़की को जिंदा जलाने का मामला: AIIMS में मौत, सरकार ने बचाने की कोशिश की- डिप्टी सीएम
ओडिशा के पुरी जिले के बायाबर गांव में 15 साल की नाबालिग लड़की को जिंदा जलाने की घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। दिल्ली के AIIMS अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई। इस मामले में जहां राज्य सरकार और पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इस पर राजनीति कर रहे हैं।

सरकार की कोशिश नाकाम, विपक्ष ने साधा निशाना
उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने पीड़िता को बचाने की हरसंभव कोशिश की। पहले उसे भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया और फिर दिल्ली AIIMS में इलाज के लिए भेजा गया। लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका।
उन्होंने विपक्ष से अपील की कि इस मामले पर राजनीति न करें और कहा कि, “पीड़ित परिवार ने सरकार के प्रयासों की सराहना की है। ऐसे में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप दुर्भाग्यपूर्ण है।”
BJD ने भाजपा सरकार पर लगाया आरोप
विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (BJD) ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार अपराधियों को बचा रही है। शुरुआत में पुलिस ने कहा था कि तीन लोग घटना में शामिल थे, लेकिन पीड़िता की मौत के बाद बयान बदलते हुए पुलिस ने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति के शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं।
पिता ने कहा- बेटी मेरी किस्मत में नहीं थी
पीड़िता के पिता ने कहा कि वह किसी को दोष नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी शायद मेरी किस्मत में नहीं थी। सभी ने उसकी जान बचाने की कोशिश की। कृपया हमें राजनीति से दूर रखें।” लड़की के चाचा ने भी सरकार और डॉक्टरों के सहयोग की सराहना की।
पुलिस का बयान: सबूत नहीं मिले
ओडिशा पुलिस का कहना है कि घटना की जांच अंतिम चरण में है और अब तक किसी के शामिल होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि लड़की की मां ने तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। जांच में वैज्ञानिक टीम, डॉग स्क्वॉड और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। एक विशेष जांच टीम (SIT) भी गठित की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा, “हम शर्मिंदा हैं।” जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार और पक्षकारों से महिला सुरक्षा पर ठोस सुझाव भी मांगे हैं।
कैसे हुई घटना?
घटना 19 जुलाई को उस समय हुई जब लड़की अपनी सहेली के घर जा रही थी। रास्ते में तीन लोगों ने उसे रोका और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि अब तक हमले के पीछे की वजह साफ नहीं हो पाई है।
नवीन पटनायक ने सरकार को घेरा
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “दिनदहाड़े एक बच्ची को जलाने की कोशिश की गई। यह डरावना है। क्या सरकार अब जागेगी?” उन्होंने यह भी कहा कि बेटियों को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

