साथिन प्रशिक्षण कार्यक्रम: जयपुर में जी.बी.वी. रोकथाम के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

महिला अधिकारिता निदेशालय, राजस्थान द्वारा जयपुर में आयोजित साथिन प्रशिक्षण कार्यक्रम में जैसलमेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और सीकर जिलों की साथिनों व पर्यवेक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय में जेंडर-आधारित हिंसा (जी.बी.वी.) की रोकथाम और महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को सशक्त बनाना रहा।
महिला अधिकारिता निदेशालय और सीएफएआर के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण में चार जिलों की साथिनों व पर्यवेक्षकों ने लिया भाग
जयपुर :
महिला अधिकारिता निदेशालय, राजस्थान, जयपुर द्वारा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीएफएआर) के सहयोग से जेंडर-आधारित हिंसा (जी.बी.वी) की रोकथाम के उद्देश्य से चार जिलों — जैसलमेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं सीकर की साथिनों और पर्यवेक्षकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान सहकारिता शिक्षा एवं प्रबंध संस्थान, जयपुर में 27 से 29 अक्टूबर तक आयोजित किया गया।
बुधवार को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।

प्रशिक्षण का उद्देश्य: साथिनों को सशक्त बनाना :
महिला अधिकारिता आयुक्त नीतू राजेश्वर ने बताया कि यह प्रशिक्षण चार नियोजित सत्रों में से तीसरा था, जो विशेष रूप से 15 जिलों की साथिनों और पर्यवेक्षकों के लिए आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस व्यापक प्रशिक्षण का उद्देश्य साथिनों को आवश्यक कौशल, कानूनी जानकारी और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना है ताकि वे अपने समुदाय में जेंडर-आधारित हिंसा की रोकथाम में प्रभावी भूमिका निभा सकें।
“साथिनें समुदाय की रीढ़ हैं। उनके माध्यम से समाज में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समानता का संदेश प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सकता है।”
— नीतू राजेश्वर, आयुक्त, महिला अधिकारिता निदेशालय
प्रशिक्षण की प्रमुख विषयवस्तु :
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक रहा बल्कि व्यावहारिक रूप से भी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ। साथिनों ने समुदाय में जेंडर समानता को बढ़ावा देने के लिए ठोस कार्ययोजनाएं तैयार कीं। प्रशिक्षण के दौरान संवाद और समूह चर्चा के माध्यम से प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने महिला सशक्तिकरण के लिए नीति-निर्माण और जमीनी कार्यान्वयन के बीच सेतु की भूमिका पर प्रकाश डाला।
महिला अधिकारिता निदेशालय ने भविष्य में और जिलों में भी ऐसे प्रशिक्षण आयोजित करने की घोषणा की।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने सामूहिक प्रतिज्ञा ली कि वे अपने क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
तीन दिवसीय सत्र के दौरान प्रतिभागियों को महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकथाम से संबंधित कानूनों, सरकारी योजनाओं और नीति-निर्माण प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी गई।
संचार के प्रभावी माध्यम, समुदाय में समन्वित प्रयासों की रणनीति और जेंडर संवेदनशीलता पर भी विशेष चर्चाएँ की गईं।
प्रतिभागियों को बताया गया कि समुदाय स्तर पर कैसे महिला हिंसा की घटनाओं की पहचान, रिपोर्टिंग और रोकथाम सुनिश्चित की जा सकती है।
मैदानी भ्रमण और व्यावहारिक अभ्यास :
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र और स्नेह-आंगन केंद्र, गांधीनगर का भ्रमण किया।
इस दौरान उन्होंने केंद्रों की कार्यप्रणाली, केस मैनेजमेंट और सहायता प्रक्रियाओं को करीब से समझा।
अंतिम दिन, साथिनों और पर्यवेक्षकों ने मिलकर एक व्यावहारिक एक-महीने की पायलट कार्ययोजना तैयार की, जिसमें उन्होंने समुदाय में जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए विशिष्ट चरण और गतिविधियों की रूपरेखा बनाई।
प्रमाणपत्र वितरण और समापन :

प्रशिक्षण के समापन सत्र में कुल 27 प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, प्रशिक्षक और सीएफएआर के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
नीतू राजेश्वर ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण न केवल साथिनों की क्षमता निर्माण में मददगार हैं, बल्कि यह राज्यस्तरीय महिला सशक्तिकरण अभियान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
“यह प्रशिक्षण केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज में परिवर्तन की ठोस शुरुआत है।”
— नीतू राजेश्वर
भविष्य की दिशा :
आयुक्त ने बताया कि आगामी महीनों में शेष जिलों की साथिनों के लिए भी ऐसे प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।
इस पहल के माध्यम से राज्यभर में महिला हिंसा रोकथाम और संवेदनशीलता की नई दृष्टि विकसित होगी।
निष्कर्ष :

जयपुर में सम्पन्न यह प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिला अधिकारिता निदेशालय और सीएफएआर के साझा प्रयासों का उत्कृष्ट उदाहरण है।
साथिनें अब अपने क्षेत्रों में जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध जागरूकता, हस्तक्षेप और सहयोगात्मक कार्रवाई को और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
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