BJP Jaipur Executive List Controversy: जयपुर में बीजेपी की कार्यकारिणी पोस्ट पर मचा हड़कंप: BJP की कार्यकारिणी में 22 सिफारिशी नेता:अध्यक्ष ने लिस्ट डिलीट कर लिखा- वैध नहीं
जयपुर शहर बीजेपी के जिला अध्यक्ष अमित गोयल ने शुक्रवार सुबह अपनी कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की। लेकिन यह पोस्ट सामने आते ही पार्टी के भीतर तूफान खड़ा हो गया। कुछ ही मिनटों में पोस्ट को डिलीट कर दिया गया और फिर सफाई दी गई—यह पोस्ट “मानवीय भूल” से सार्वजनिक हो गई थी। लेकिन तब तक लिस्ट वायरल हो चुकी थी और पार्टी के अंदरूनी हालात खुलकर सामने आने लगे।

कार्यकारिणी वाली पोस्ट में यह भी बताया गया था कि किस नेता के कहने पर किसे जगह मिली। इन नामों के आगे सीएम, डिप्टी सीएम का भी जिक्र था। ऐसे 22 पदाधिकारियों के नाम इस लिस्ट में थे।

लिस्ट में क्या था खास?
सूत्रों के अनुसार, जिस लिस्ट को गलती से जारी बताया गया, उसमें 34 नेताओं के नाम थे। इनमें से 22 नाम मंत्रियों, विधायकों और संघ से जुड़ी सिफारिशों पर आधारित बताए गए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम दीया कुमारी की सिफारिश पर सबसे अधिक 8 नाम थे राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बालमुकुंदाचार्य, प्रेमचंद बैरवा, मंजू शर्मा, गोपाल शर्मा और संघ से जुड़ी सिफारिशें भी सामने आईं।
इससे स्पष्ट होता है कि अमित गोयल न सिर्फ संगठनात्मक फैसले ले रहे हैं, बल्कि उनके पास इतना राजनीतिक वजन है कि खुद मुख्यमंत्री व अन्य बड़े नेता तक नाम सुझा रहे हैं।
34 की कार्यकारिणी में 22 सिफारिशी
जिला अध्यक्ष अमित गोयल ने अपनी जो कार्यकारिणी की पोस्ट सोशल मीडिया पर की। उसमें 34 नेताओं को उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री, कार्यालय मंत्री, प्रवक्ता, आईटी संयोजक, सहसंयोजक सोशल मीडिया संयोजक, सहसंयोजक, प्रकोष्ठ संयोजक और मीडिया सह संयोजक के पद दिए गए थे। 34 नेताओं में से 22 को सिफारिश के आधार पर जगह दी गई थी।
परिश्रम बनाम परिक्रमा: असल चिंता
लिस्ट से एक और बात सामने आई कि मात्र 8-9 नाम ऐसे थे जिन्हें कार्य के आधार पर चुना गया, बाकी केवल सिफारिशी थे। इससे उन कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी देखी जा रही है जो सालों से संगठन के लिए मेहनत करते आए हैं।
जयपुर बीजेपी में अब चर्चा है कि — “परिश्रम पर परिक्रमा भारी पड़ रही है” यानि सिफारिशी लोग मलाईदार पदों पर पहुँच रहे हैं, और ज़मीनी कार्यकर्ता किनारे लग रहे हैं।
चौंकाने वाला नाम और कांग्रेस कनेक्शन
- इस लिस्ट में एक नाम ऐसा भी सामने आया जिसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि चौंकाने वाली थी
- पार्टी में केवल साढ़े चार साल पहले आई महिला नेता का नाम कार्य के आधार पर लिस्ट में था।
- उनके पति विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास का प्रचार करते देखे गए थे।
- पूरे परिवार का झुकाव कांग्रेस की ओर बताया गया, यहां तक कि वे खुद को “उपमहापौर” तक कहने लगी थीं।


नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुली नाराजगी जैसे ही लिस्ट वायरल हुई
कालीचरण सराफ, अशोक परनामी और अरुण चतुर्वेदी जैसे वरिष्ठ नेताओं के समर्थकों ने खुले तौर पर नाराजगी जाहिर की। सबसे बड़ी हैरानी यह रही कि प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को इस पूरी घटना की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने जांच के आदेश देने की बात कही है।
संघ, संगठन और गोयल की साख पर सवाल
अमित गोयल ने लिस्ट में सिफारिशों का जिक्र कर अपनी “ईमानदारी” तो दिखाई, लेकिन इससे यह भी जाहिर हो गया कि संगठन में काम करने वालों से ज़्यादा सिफारिश वालों की पूछ है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि—अगर पार्टी नेतृत्व ने जल्द स्थिति नहीं संभाली, तो असंतोष गुटबाजी और संगठनात्मक टूट का रूप ले सकता है।संघ के नाम पर राजनीति करने वाले गोयल को अगर तुरंत नहीं हटाया गया, तो यह विवाद और बड़ा रूप ले सकता है।
इसके बाद आनन-फानन में घोषित कार्यकारिणी की पोस्ट को डिलीट करके कहा गया कि भूलवश जारी हुई।

इसके अलावा बताया जाता है कि विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने भी अपने समर्थकों को जगह नहीं मिलने के कारण नाराजगी व्यक्त की है।

