Jaipur Ki Jyonar Dal Baati Churma Bhog Festival: जयपुर में 110 साल बाद ऐतिहासिक ‘ज्योणार’: 50 हजार लोगों के लिए महाभोज, 500 हलवाइयों की टीम करेगी दाल-बाटी-चूरमे का भव्य आयोजन
500 हलवाइयों की टीम, 12,500 किलो आटा और बेसन, 1500 किलो दाल और 160 पीपा देसी गाय का घी। ये तैयारी जयपुर में 50 हजार से ज्यादा लोगों के भोजन के लिए की गई है।फाइल फोटो
इसके लिए आपको जयपुर के अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड (सांगानेरी गेट के पास) में आना होगा। यहां रविवार को रियासतकालीन परंपरा को जीवंत करते हुए ‘जयपुर की ज्योणार’ का आयोजन किया जाएगा। एंट्री केवल कूपन दिखाकर ही मिलेगी।
जयपुर शहर में इस तरह की ज्यौणार 110 साल बाद हो रही है. इस आयोजन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. भट्टी पूजन के बाद पांडाल भी सज चुका है और अब इंतजार 13 जुलाई की दोपहर का है, जब सांगानेरी गेट स्थित अग्रवाल कॉलेज परिसर में 50 हजार जयपुरवासी एक साथ राजस्थान के प्रमुख दाल-बाटी-चूरमे का लुत्फ उठाएंगे
जयपुर हेरिटेज की महापौर कुसुम यादव ने 11 जुलाई को पूजा कर इस रसोई की शुरुआत की थी। इसके बाद हलवाइयों की टीम ने कंडों पर भोजन बनाना शुरू कर दिया। पिछले 2 दिन से हलवाइयों की टीम दिन-रात भोजन सामग्री तैयार करने में जुटी है। आज (रविवार) भी भोजन तैयार करने का सिलसिला थमा नहीं है।
एक साथ चार हजार लोग कर सकते हैं भोजन जयपुर के अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड में बारिश को ध्यान में रखते हुए तीन बड़े वाटरप्रूफ डोम की व्यवस्था की गई है। दो डोम 330 फीट लंबे और 200 फीट चौड़े हैं। वहीं, एक डोम 250 फीट लंबा और 50 फीट चौड़ा होगा। इन डोम्स में 1000 टेबल्स की व्यवस्था की गई है, जिन पर एक साथ 4000 लोग टेबल-कुर्सियों पर बैठकर भोजन कर सकते हैं। भोजन का समय दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक है।
लगातार चल रही भोजन की तैयारी भोजन तैयार करने के लिए 500 हलवाई की टीम लगातार काम कर रही है। 200 हलवाई सपोर्ट स्टाफ में मौजूद हैं। 700 वेटर्स भी तैनात किए गए हैं। 12,500 किलो आटा-बेसन, 1500 किलो दाल, 1200 किलो मावा, 1200 किलो शक्कर, 160 पीपा देसी गाय का घी, 100 किलो लाल मिर्च, 50 किलो हल्दी, 50 किलो गरम मसाला, 500 किलो हरी मिर्च, टमाटर और हरे पत्तल-दोनों में भोजन परोसे जाने की तैयारी चल रही है। पूरी रसोई शुद्धता के मानकों को ध्यान में रखकर चलाई जा रही है।
सुरक्षा का भी पूरा ख्याल सुरक्षा के लिए 100 पुलिसकर्मी, 100 प्राइवेट गार्ड, 300 पुरुष और 200 महिला वॉलंटियर्स तैनात रहेंगे।
समिति सदस्य अजय यादव बताते हैं- आयोजन का उद्देश्य सिर्फ भोजन नहीं बल्कि सभी वर्गों, जातियों और धर्मों को एक जाजम पर बैठाकर जयपुर की सांस्कृतिक विरासत को फिर से संजोने का है। आयोजन में जयपुर की कलाओं, हस्तशिल्प और इतिहास पर आधारित झांकियां भी लगाई जाएंगी, जिससे नई पीढ़ी को अपनी परंपरा और मूल पहचान से परिचय मिलेगा।