Uddhav Thackeray Raj Thackeray Vijay Rally: उद्धव-राज की साझा रैली में केंद्र पर निशाना: बोले – मराठी की लड़ाई अब साथ मिलकर
महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर शनिवार को मुंबई के वर्ली सभागार में रैली की। दोनों ने 48 मिनट तक हिंदी-मराठी भाषा विवाद, मुंबई-महाराष्ट्र, भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला केंद्र से आया। हिंदी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। अगर मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी तो हम गुंडे हैं।
रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा, “मैंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरा महाराष्ट्र किसी भी राजनीति और लड़ाई से बड़ा है. आज 20 साल बाद मैं और उद्धव एक साथ आए हैं. जो बालासाहेब नहीं कर पाए, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया- हम दोनों (राज और उद्धव) को एक साथ लाने का काम.
राज के इस बयान पर पूरे पंडाल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए स्पष्ट रूप से कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की जो कोशिश की जा रही है, वह कभी कामयाब नहीं होगी. अगर किसी ने मुंबई पर हाथ डालने की हिम्मत की, तो मराठी मानुष का असली बल देखेगा।
राज ठाकरे ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पूछा, “अचानक हिंदी पर इतना जोर क्यों दिया जा रहा है? ये भाषा का प्रेम नहीं, बल्कि एजेंडा है. हम पर हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है। हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे।जब हमारे बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हैं तो हमारे मराठीपन पर सवाल उठते हैं. लेकिन जब बीजेपी नेताओं ने मिशनरी स्कूलों में पढ़ाई की, तब उनके हिंदुत्व पर किसी ने उंगली नहीं उठाई। ये दोगलापन नहीं चलेगा।
अब ये लोग जाति की राजनीति शुरू करेंगे. वे तुम्हें जाति के आधार पर बांट देंगे.वे आपको मराठी भाषा के लिए एकजुट नहीं होने देंगे. अगर किसी को मारा जाए और वो गुजराती से मिले तो क्या करे.आप मराठी मानुस के रूप में एक साथ आए हैं, लेकिन अब वे जातियों में विभाजित करने का प्रयास करेंगेउनकी ऐसी मानसिकता है.मीरा रोड में एक शख्स ने गुजराती को थप्पड़ मारा.. लेकिन क्या किसी के माथे पर लिखा था कि वो गुजराती है. यह दो लोगों के बीचझगड़े का मामला था. लेकिन अगर वे दूसरी गलती करेंगे तो हम थप्पड़ मारेंगे, लेकिन बिना वजह किसी को नहीं छूएंगे: राज ठाकरे
जानिए, महाराष्ट्र में भाषा विवाद क्या है
- महाराष्ट्र में अप्रैल में 1 से 5वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी अनिवार्य की गई थी। ये फैसला राज्य के सभी मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर लागू किया गया था।
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के नए करिकुलम को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में इन क्लासेज के लिए तीन भाषा की पॉलिसी लागू की गई थी।
- विवाद बढ़ने के बाद अपडेटेड गाइडलाइंस जारी की गई। मराठी और अंग्रेजी मीडियम में कक्षा 1 से 5वीं तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी के अलावा भी दूसरी भारतीय भाषाएं चुन सकते हैं।
- इसके लिए शर्त बस यह होगी कि एक क्लास के कम से कम 20 स्टूडेंट्स हिंदी से इतर दूसरी भाषा को चुनें। ऐसी स्थिति में स्कूल में दूसरी भाषा की टीचर भी अपॉइंट कराई जाएगी। अगर दूसरी भाषा चुनने वाले स्टूडेंट्स का नंबर 20 से कम है तो वह भाषा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जाएगी।