Rangmanch: रंगमंच के मंच पर इतिहास की दस्तक: “वीर गोकुला” का भव्य मंचन और पुस्तक विमोचन
भारतीय रंगमंच को एक नई ऐतिहासिक चेतना से समृद्ध करने जा रहे हैं प्रसिद्ध नाटककार, लेखक एवं निर्देशक देव फौज़दार (दिनेश चंद्र)। उनका नया नाटक “वीर गोकुला” न केवल एक रंगमंचीय प्रस्तुति है, बल्कि इतिहास के हाशिए पर छूटे लोकनायक गोकुला जाट की संघर्षगाथा को केंद्र में लाकर राष्ट्रीय चेतना का आह्वान भी है।

इस नाटक के साथ ही एक शोधपरक पुस्तक “वीर गोकुला” का विमोचन भी हो रहा है, जिसमें 17वीं शताब्दी के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में गोकुला के विद्रोह की ऐतिहासिक पड़ताल की गई है। यह पुस्तक विशेष रूप से छात्रों, शोधार्थियों और इतिहास प्रेमियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
कलाकार का परिचय: देव फौज़दार (दिनेश चंद्र)
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जन्म: 10 फरवरी 1983, ग्राम बाजना, तहसील मांट, मथुरा (उ.प्र.)
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शिक्षा: परास्नातक (नाट्यशास्त्र), रवींद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी
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प्रशिक्षण: अभिनय डिप्लोमा, संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली
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संस्थाएँ: नाट्यकिरण मंच, माँ स्टूडियो (मुंबई)
सम्मान एवं उपलब्धियाँ
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भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय की कनिष्ठ फेलोशिप (2016–17)
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वाग्धारा द्वारा “यंग अचीवमेंट अवार्ड”, महाराष्ट्र राज्यपाल से सम्मान
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देश-विदेश में 20 से अधिक नाटकों का निर्देशन
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15,000+ युवाओं को अभिनय प्रशिक्षण
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हिमालय, ऋषिकेश, कर्जत आदि स्थलों पर आवासीय कार्यशालाएँ
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घुमंतू रंगमंच के ज़रिए गाँव-गाँव में सांस्कृतिक जागरूकता का प्रसार
मुख्य रचनाएँ व नाट्य प्रस्तुतियाँ
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वीर गोकुला
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अंदाज़-ए-आज़ाद
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खिड़की के उस पार
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हमारा सत्य
वीर गोकुला” नाटक मंचन कार्यक्रम (प्रथम चरण):
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25 जून – बाजना, मथुरा
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26 जून – जटवारी, अलीगढ़
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27 जून – बिसावर, हाथरस
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28 जून – मथुरा शहर (दो शो)
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29 जून – दिल्ली
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30 जून – जयपुर