G7 Summit 2025: जी-7 समिट में पीएम मोदी को मिला न्योता: भारत-कनाडा रिश्तों में नई शुरुआत की उम्मीद
नई दिल्ली कनाडा में इस महीने के आखिर में होने जा रहे जी-7 शिखर सम्मेलन को लेकर बड़ी कूटनीतिक खबर सामने आई है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है।

भारत और कनाडा के बीच बीते कुछ वर्षों से संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, ऐसे में यह निमंत्रण दोनों देशों के रिश्तों में एक नया मोड़ माना जा रहा है। जी-7 समिट का आयोजन कनाडा के कनानसकीस शहर में होने जा रहा है।
खुद प्रधानमंत्री कार्नी ने पीएम मोदी को फोन कर आमंत्रण दिया, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीकार कर लिया है। इस बात की जानकारी पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा करते हुए दी। उन्होंने लिखा “कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क जे. कार्नी से फोन पर बात करके खुशी हुई। हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत पर बधाई दी और जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। भारत और कनाडा, दोनों जीवंत लोकतंत्र आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे। सम्मेलन में हमारी मुलाकात का बेसब्री से इंतजार है।
प्रधानमंत्री कार्नी का बयान
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि जी-7 देश आगामी शिखर सम्मेलन में सुरक्षा, ऊर्जा और वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि अंतर-सरकारी राजनीतिक और आर्थिक मंच में भारत की मौजूदगी बहुत जरूरी है, क्योंकि भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है और उसकी भूमिका इन विषयों पर अहम हो सकती है।
क्या होता है जी-7 सम्मेलन?
जी-7 यानी ग्रुप ऑफ सेवन, दुनिया की सात प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं—अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा—का समूह है। इसका गठन 1975 में वैश्विक तेल संकट और आर्थिक अस्थिरता के समय हुआ था। शुरुआत में इसका मकसद केवल आर्थिक नीतियों पर चर्चा करना था, लेकिन समय के साथ इसमें सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, तकनीक और वैश्विक संकटों पर भी चर्चा होने लगी।
जी-7 की अहम उपलब्धियां
जी7 के नाम एक बड़ी उपलब्धि 1997 में जुड़ी, जब इसके सदस्य देशों ने यूक्रेन में स्थित चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में आई आपदा और इसके प्रभावों से निपटने के लिए 30 करोड़ डॉलर की मदद देने का फैसला किया।
जी-7 से भारत का रिश्ता
भारत जी-7 का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन समय-समय पर इसे आमंत्रित किया जाता रहा है। भारत को पिछली बार जापान (2023), जर्मनी (2022), ब्रिटेन (2021), और फ्रांस (2019) ने समिट में आमंत्रित किया था। यह भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और विश्व मंचों पर उसकी स्वीकार्यता को दर्शाता है।
भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की कोशिश
मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही यह संकेत मिल रहे हैं कि वे भारत, विशेषकर कनाडाई भारतीय समुदाय से रिश्तों को फिर से मजबूत करना चाहते हैं। पिछले वर्षों में कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों और राजनीतिक बयानों को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में तनाव रहा है। ऐसे में भारत को जी-7 में आमंत्रित करना न केवल वैश्विक मंच पर भारत की मान्यता है, बल्कि यह भारत-कनाडा संबंधों को सुधारने की दिशा में एक ठोस प्रयास भी है।