Terror Of Monkeys In Jaipur: जयपुर में बंदरों की बढ़ती संख्या से जनता परेशान: नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल
जयपुर में बंदरों की बढ़ती संख्या ने आम जनता की परेशानियां बढ़ा दी हैं। नगर निगम की जिम्मेदारी है कि बंदरों को नियंत्रित किया जाए, लेकिन पिछले दो महीने से बंदर पकड़ने का टेंडर तक नहीं हुआ है। इस वजह से बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है।

परकोटे की प्रमुख कॉलोनियों के साथ ही नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर भी बंदरों ने कब्जा कर लिया है। इतनी बड़ी संख्या में बंदर नगर निगम मुख्यालय में देखे जा रहे हैं कि वहां काम करने वाले कर्मचारी भी डरे हुए हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि नगर निगम के पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष की भी सुनवाई नहीं हो रही है।
घरों में घुसकर बंदर कर रहे हमला
परकोटे की कॉलोनियों में बंदर घरों में घुसकर लोगों पर हमला कर रहे हैं। पिछले एक महीने में इस तरह के एक दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि नगर निगम प्रशासन ने अब तक बंदर पकड़ने के लिए टेंडर तक नहीं किया है, जो अब आम जनता की जान के लिए खतरा बन चुका है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदरों का आतंक इस कदर है कि घर के बाहर खड़ी गाड़ियां भी सुरक्षित नहीं है। लोग घरों से बाहर निकलने में भी डरने लगे हैं। बंदर घर के बाहर व अंदर रखे सामान को तोड़ देते हैं। छत पर सूख रहे कपड़ों, पानी की टंकियों, पेड़ पौधों व केबल छतरी को नुकसान पहुंचा चुके हैं।
जनता की जान पर खतरा
राजेश्वर शर्मा ने बताया कि शहर में अचानक बंदरों की संख्या बढ़ गई है। वे कहते हैं, “सब्जी खरीदने बाजार जाओ या घर के बाहर खड़े हो, कहीं भी बंदर हमला कर सकते हैं। लोग डर के कारण अपने घरों में कैद हो गए हैं। जबकि निगम अधिकारी इस पर लापरवाह हैं। इससे जनता की जान को गंभीर खतरा हो गया है।
टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई पूरी
नगर निगम के पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुरेश नावरिया ने कहा, “नगर निगम अधिकारी इस मामले में लापरवाह हैं। मैंने कई बार बंदर और श्वान पकड़ने की बात अधिकारियों से कही है। डिप्टी कमिश्नर को भी लिखित शिकायत भेजी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। दो महीने से टेंडर तक नहीं हुआ है।
अधिकारी सुनवाई से कतराते हैं
नावरिया ने कहा- पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति की डिप्टी कमिश्नर सीमा शर्मा तो मेरा फोन तक नहीं उठाती हैं। कभी जनता की समस्या को लेकर उनसे मिलने जाता हूं। बस यही कहती है मैं बहुत बिजी हूं। मैं आपके अंडर में काम नहीं करना चाहती हूं। इसको लेकर मैं नगर निगम की कार्यकारी समिति की बैठक में भी शिकायत की थी। लेकिन अभी तक कही कोई सुनवाई नहीं हुई है।
टेंडर प्रक्रिया फिर शुरू
हेरिटेज नगर निगम के योगेश शर्मा ने बताया- मार्च में ही शहर से बंदर पकड़ने का टेंडर खत्म हुआ है। तब बंदर पकड़ने का टेंडर भी किया गया था, लेकिन जो फॉर्म आई थी। वह तकनीकी रूप से सक्षम नहीं थी। इसके बाद फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है। जल्द ही बंदर पकड़ने का टेंडर कर लिया जाएगा। इसके बाद शहर में बढ़ते बंदरों को पकड़ सवाई माधोपुर और रणथंभौर के जंगलों में छोड़ा जाएगा।