RIICO Direct Allotment Scheme-2025: रीको प्रत्यक्ष आवंटन योजना-2025 के द्वितीय चरण की शुरुआत: 7100 भूखण्डों के लिए 15 मई से ऑनलाइन आवेदन शुरू
रीको की प्रत्यक्ष आवंटन योजना 2025 के द्वितीय चरण की शुरुआत 15 मई 2025 से होगी। रीको के प्रबंध निदेशक शिवांगी स्वर्णकार ने यह घोषणा की है। इस चरण में 30 अप्रैल 2025 तक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर करने वाले निवेशक भूखंड के लिए आवेदन कर सकेंगे।

जयपुर राजस्थान सरकार के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से रीको (RIICO) द्वारा प्रत्यक्ष भूखण्ड आवंटन योजना-2025 के द्वितीय चरण की शुरुआत की जा रही है। योजना के तहत 15 मई 2025 से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। यह योजना “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024” के अंतर्गत 30 अप्रैल 2025 तक राज्य सरकार के साथ एमओयू (MoU) निष्पादित करने वाले निवेशकों के लिए विशेष रूप से लागू की गई है।
रीको द्वारा चिन्हित 98 औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 7100 भूखण्ड आवंटन हेतु उपलब्ध कराए गए हैं। इन भूखण्डों में विभिन्न आरक्षित श्रेणियों को भी प्राथमिकता दी गई है –
- अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए – 253 भूखण्ड
- महिला उद्यमियों के लिए – 224 भूखण्ड
- भूतपूर्व सैनिकों के लिए – 118 भूखण्ड
- दिव्यांगजनों के लिए – 151 भूखण्ड
- शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए – 62 भूखण्ड
- सामान्य वर्ग (अनारक्षित) के लिए – करीब 6300 भूखण्ड
EMD जमा करने की अंतिम तिथि 28 मई 2025 रखी गई है, जबकि ई-लॉटरी 5 जून 2025 को आयोजित की जाएगी।
मार्च 2025 में योजना के प्रथम चरण में निवेशकों का जबरदस्त उत्साह देखा गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने “राइजिंग राजस्थान इंपेक्ट 1.0” कार्यक्रम में योजना के विस्तार की घोषणा की जिससे निवेशकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ। इस घोषणा से पहले 2637 एमओयू निष्पादित हुए थे। जबकि 30 अप्रैल 2025 तक 1578 नए एमओयू जोड़े गए।
पहले चरण में 350 करोड़ रुपये के 98 भूखण्डों के लिए ऑफर लेटर जारी किए गए हैं और भूखण्ड आवंटन प्रक्रिया प्रगति पर है। रीको की प्रबंध निदेशक शिवांगी स्वर्णकार ने बताया कि योजना के दूसरे चरण के माध्यम से राज्य में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित कर रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की दिशा में मजबूत कदम उठाया गया है।
आवंटन की प्रक्रिया
I. 50,000 वर्गमीटर तकः-एक भूखण्ड पर एक ही आवेदक होने पर सीधा आवंटन तथा एक से अधिक आवेदक होने की दशा में ई-लॉटरी के माध्यम से सफल आवेदक को आवंटन।
II. 50,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल से अधिक/विशेष औद्योगिक क्षेत्रों/पार्क:- आवेदक की पात्रता, भूमि की आवश्यकता इत्यादि के गुणावगुण के आधार पर आवंटन।
अमानत राशि (ईएमडी):- भूखण्ड की कुल देय प्रीमियम राशि की 5 प्रतिशत राशि आवेदन के साथ ही ऑनलाईन जमा होगी।
सफल आवेदक को भूखण्ड आवंटन हेतु आवेदन की स्वीकृति के प्रस्ताव पत्र (ऑफर लेटर) जारी होने के 30 दिनों के अंतर्गत कुल प्रीमियम राषि की 1 प्रतिशत धरोहर राशि तथा प्रीमियम राशि की 25 प्रतिशत राशि जमा करवाया जाना वांछित है।
उत्पादन की समय सीमा
- ऐसे प्रोजेक्ट जिनको स्थापित करने के लिए पर्यावरण स्वीकृति आवश्यक नहीं है, उन आवंटियों को आवंटित भूखण्ड का कब्जा देने की तिथि अथवा डीम्ड कब्जा से 2 वर्ष में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ करना होगा तथा ऐसे प्रोजेक्ट जिनको पर्यावरण स्वीकृति आवश्यक है, उनके लिए यह अवधि 3 वर्ष होगी।
• आवंटी को आवंटित भूखण्ड पर उत्पादन शुरू करने से पहले मध्यवर्ती अनुक्रमों (Intermediate Milestones) का पालन करना आवश्यक होगा।
• इकाई को वाणिज्यिक उत्पादन में माने जाने के लिए भूखण्ड के क्षेत्रफल का न्यूनतम 30 प्रतिशत अथवा अनुज्ञेय Build-up Area Ratio (BAR) का न्यूनतम 30 प्रतिशत के समतुल्य निर्मित होना एवं भूखण्ड आवंटन के आवेदन के समय प्रस्तुत प्रोजेक्ट रिपोर्ट में वर्णित मदों में से भवन निर्माण एवं प्लान्ट एवं मशीनरी के मद में दर्शायी गई राशि का 75 प्रतिशत राशि का उत्पादन के समय स्थायी रूप से निवेश उपरोक्त मदों में निर्धारित /विस्तारित समयावधि में निवेष आवश्यक होगा।
• आवंटित भूखण्ड में रिक्त/अनुपयोगी भूमि का हस्तान्तरण अनुज्ञेय (Permissible) नहीं होगा।
• आवंटित भूखण्ड का उप-विभाजन अनुज्ञेय (Permissible) नहीं होगा।
• आवंटी द्वारा आवंटित भूखण्ड को रीको को समर्पित करने की दषा में, आवंटी द्वारा जमा की गई भूमि की प्रीमियम राशि की 5% राशि के समतुल्य एवं अन्य देय शुल्कों की कटौती की जावेगी एवं शेष राशि वापिस की जावेगी।
• आवंटित भूखण्ड का निरस्तीकरण करने की दशा में आवंटी द्वारा जमा की गई भूमि की प्रीमियम की राशि से 10% राशि की कटौती की जावेगी।