Election Commission of India News: भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया
भारत निर्वाचन आयोग ने देश भर में जमीनी स्तर तक चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की क्षमता वृद्धि के लिए उन्हें प्रशिक्षित करने के व्यापक अभियान की शुरुआत कर दी है।

इस क्रम में आयोग के प्रशिक्षण संस्थान इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट नई दिल्ली में पश्चिम बंगाल के 231 चुनाव अधिकारियों के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को आरम्भ हुआ।
बंगाल के 2 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), 12 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और 217 बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) के साथ शुरू हुई यह पहल जमीनी स्तर के चुनाव अधिकारियों की व्यापक प्रशिक्षण योजना का हिस्सा है। आयोग ने इसकी परिकल्पना 4 मार्च को आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की थी।
आयोग ने बुधवार को ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्वाचन विभागों के मीडिया नोडल अधिकारियों, सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों और जिला जनसंपर्क अधिकारियों के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बदलते मीडिया परिदृश्य में चुनाव अधिकारियों के समन्वय और तैयारियों को बढ़ाना है।
राजस्थान के तीन अधिकारियों सहित 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के मीडिया अधिकारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया. प्रतिभागी अधिकारियों को सक्रिय रहकर सही सूचनाओं का प्रसार सुनिश्चित करने। गलत सूचना का मुकाबला करने और विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी संचार रणनीति विकसित करने के बारे में जानकारी दी गई।
अधिकारियों को देश के संवैधानिक और कानूनी ढांचे अर्थात यानी जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951; मतदाता पंजीकरण नियम 1960 चुनाव संचालन नियम 1961 और समय-समय पर आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में कहा कि डिजिटल सूचनाओं के वर्तमान दौर में चुनावी प्रक्रियाओं में मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सही समय पर तथ्यात्मक और पारदर्शी तरीके से सूचनाओं का आदान-प्रदान हो उन्होंने रेखांकित किया कि मीडिया अधिकारियों को सटीक जानकारी संप्रेषित करने के लिए सक्रिय रहना चाहिए और मतदाताओं को सही ढंग से सूचित करने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चुनाव से जुड़ी सभी जानकारियां सुस्पष्ट और तथ्यात्मक हों तथा आधारहीन कथनों को दुरुस्त करने में सक्षम हों।