Jammu Kashmir Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले में बड़ा खुलासा: दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय आतंकी शामिल, संदिग्धों के स्केच जारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हमले में शामिल चार आतंकियों की पहचान को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है।

सुरक्षाबलों और खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, इस हमले में दो पाकिस्तानी आतंकियों के साथ-साथ दो स्थानीय आतंकियों की भी भूमिका रही है। मंगलवार दोपहर बायसरन घाटी में हुए इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई, जबकि 17 अन्य घायल हुए। आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की। इसके बाद वे मौके से फरार हो गए।
सूत्रों के अनुसार, स्थानीय आतंकियों की पहचान आदिल ठाकुर और आशिफ शेख के रूप में हुई है। आदिल, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है और गुरी, बिजबेहड़ा का रहने वाला है। वहीं, आशिफ का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है और वह त्राल के मोंघामा मीर मोहल्ला का निवासी है। बताया जा रहा है कि कुछ आतंकियों ने बॉडी कैमरे भी पहने थे, जिससे उन्होंने पूरी वारदात को रिकॉर्ड किया।
हमले के बाद बुधवार सुबह से सेना, एनआईए, पुलिस और अन्य एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। ड्रोन और हेलिकॉप्टर की मदद से इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक हाई अलर्ट जारी है।
संदिग्धों के स्केच जारी
सुरक्षा एजेंसियों ने हमले में शामिल आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। इनमें आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा के नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें उन्हीं की हैं या नहीं। सेना और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से फिलहाल सिर्फ स्केच जारी किए गए हैं, कोई आधिकारिक तस्वीर नहीं।
सबसे बड़ा आतंकी हमला
विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला जम्मू-कश्मीर से अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब तक का सबसे बड़ा और घातक आतंकी हमला है। यह घटना न केवल कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पाकिस्तान की भूमिका पर भी गंभीर संदेह जताती है।
घटना ऐसे समय पर हुई है जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख सैयद आसिम मुनीर ने हाल ही में विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताया था। इस बयान के बाद पैदा हुए राजनीतिक तनाव को इस हमले ने और अधिक बढ़ा दिया है।
देशभर में गुस्सा, उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा
देशभर में इस हमले को लेकर गहरा आक्रोश है। आम जनता से लेकर सभी राजनीतिक दलों ने इस कायराना हरकत की कड़ी निंदा की है। केंद्र सरकार ने त्वरित उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक बुलाई है, और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों की पहचान और गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।
यह घटना एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता की याद दिलाती है और इस बात का संकेत देती है कि अभी भी जम्मू-कश्मीर में आतंक का खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।