Pratapgarh Nurse Murder Case Update: उत्तराखंड में कोलकाता जैसा कांड नर्स के साथ रेप के बाद हत्या: मां बोली- गैंगरेप कर मारा:शरीर पर खरोंच, कपड़े गायब
प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाली 21 वर्षीय दलित नर्स की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
पीड़िता की मां ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के डॉक्टर, मैनेजर और वार्ड बॉय ने मिलकर उनकी बेटी के साथ गैंगरेप किया और उसे ज़हर का इंजेक्शन देकर मार डाला। मृतका का नाम ‘गुड़िया’ (बदला हुआ नाम) बताया गया है, जो पिछले चार वर्षों से अस्पताल में नर्स के रूप में काम कर रही थी।
पीड़िता की मां ने बताया, “जिस अस्पताल में मेरी बेटी चार साल से काम कर रही थी, वहीं उसके साथ गैंगरेप हुआ और उसे मार दिया गया। उसके गले और हाथ पर खरोंच के निशान थे। शरीर के निचले हिस्से के कपड़े गायब थे। ऐसा लग रहा था कि उसके साथ जबरदस्ती की गई।
एंबुलेंस से शव ले जाते समय गांववालों ने रोका
27 मार्च को शाम 6:30 बजे गुड़िया ड्यूटी पर गई थी। रात करीब 8:30 बजे परिवार को अस्पताल से फोन आया कि उसकी तबीयत बिगड़ गई है। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया और बताया गया कि उसे प्रतापगढ़ ले जाया जा रहा है। लेकिन एंबुलेंस गांव की तरफ मुड़ गई, जिससे परिजन को शक हुआ।
गुड़िया की मां ने बताया, “मैंने एंबुलेंस को रुकवाया तो शहबाज और सुनील भागने लगे। ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया। मेरी बेटी स्ट्रेचर पर बेसुध पड़ी थी। उसकी सांस नहीं चल रही थी। शरीर पर चोटों और खरोंचों के निशान थे।
कार्रवाई की मांग पर परिजनों को नहीं मिली सुनवाई
परिजनों ने रानीगंज थाने पहुंचकर डॉक्टर अमित पांडेय, मैनेजर सुनील यादव, वार्ड बॉय शहबाज, महिला कर्मचारी मनोरमा देवी और अस्पताल के मालिक सहित छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग की, लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया गया।
डेडबॉडी रखकर प्रदर्शन, पुलिस की लाठीचार्ज
28 मार्च की सुबह ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। अस्पताल में तोड़फोड़ भी हुई। मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
पुलिस जांच जारी, विसरा रिपोर्ट का इंतजार
रानीगंज थाने के एसआई रोहित कुमार यादव ने बताया, “प्राथमिक जांच में सामने आया है कि लड़की ने ड्यूटी के दौरान ज़हर खाया था। मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने डर के कारण साक्ष्य मिटाने की कोशिश की।”
प्रतापगढ़ के एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा, “गैंगरेप हुआ या नहीं, इसका पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से नहीं चल सका है। इसलिए विसरा रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जांच तेजी से चल रही है।”
पीड़िता की मौत के बाद दलित समुदाय में भारी आक्रोश है और स्थानीय प्रशासन पर निष्पक्ष जांच का दबाव बना हुआ है। परिवार ने इंसाफ की मांग करते हुए कहा है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।