Massive earthquake in Myanmar: म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप: 51 साल पुराना पुल ढहा, बैंकॉक तक महसूस हुए झटके
आज सुबह 11:50 पर 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने कई इमारतों और घरों को नुकसान पहुंचाया। भूकंप इतना भयानक था कि इसने म्यांमार की इरावदी नदी पर बना 51 साल पुराना पुल ढहा दिया।

म्यांमार में शुक्रवार सुबह 11:50 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था और इसका केंद्र मांडले शहर के पास स्थित था।
मांडले शहर में बने मंदिर और कई घर टूट गए। भूकंप के झटकों का असर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस हुआ। यहां एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई। अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों लोग डरकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। म्यांमार में एतिहासिक शाही महल मांडले पैलेस के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
वहीं सागाइंग क्षेत्र के सागाइंग टाउनशिप में एक पुल भूकंप में पूरी तरह नष्ट हो गया। राजधानी नेपीता के अलावा क्यौकसे, प्यिन ऊल्विन और श्वेबो में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इन शहरों की आबादी 50 हजार से ज्यादा है।
वहीं भूकंप के झटके भारत के राज्य मेघालय में भी महसूस किए गए। मेघालय के पूर्वी गारो हिल्स में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई है। हालांकि मेघालय में आए भूकंप से ज्यादा नुकसान की खबर अब तक सामने नहीं आई है। लेकिन बैंकॉक और म्यांमार में आए भूकंप ने बुरी तरह तबाही मचाई है। 7.7 तीव्रता का भूकंप बेहद चिंताजनक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पोस्ट की
वहीं इस भूकंप को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पोस्ट की। उन्होंने कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद स्थिति चिंताजनक है। मैं सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा हूं। भारत इस स्थिति में हर संभव सहायता के लिए तैयार है। हमने प्रशासन को सतर्क रहने के लिए कहा है। विदेश मंत्रालय म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों से संपर्क कर रहा है। मैं सभी के सुरक्षित होने की कामना करता हूं।
PM Modi का ट्वीट देखने के लिए यहां क्लिक करें
https://x.com/narendramodi/status/1905534514505678980
क्यों बार-बार आता है भूकंप?
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं। तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं।