Vedanta’s big investment in Assam: असम में वेदांता का बड़ा निवेश: अनिल अग्रवाल ने किया 50,000 करोड़ रुपये का ऐलान
गुवाहाटी वेदांता ग्रुप की सहयोगी कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस, जो भारत की सबसे बड़ी निजी तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी है। ने एडवांटेज असम 2.0 इन्वेस्टमेंट समिट के पहले दिन असम में तेल और गैस अन्वेषण एवं उत्पादन के लिए 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई।

इस अवसर पर वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने असम की रणनीतिक स्थिति, अनुकूल निवेश नीतियों और बेहतर होती बुनियादी संरचना को भारत की ऊर्जा वृद्धि में अहम कारक बताया। उन्होंने असम को ‘विश्व का मेगा बेसिन’ बनने की क्षमता रखने वाला क्षेत्र करार दिया और इसे भारत का ऊर्जा उत्पादन केंद्र बनाने के लक्ष्य पर जोर दिया।
असम को ऊर्जा हब बनाने की तैयारी
अनिल अग्रवाल ने कहा, “असम प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है और इसे दुनिया के सबसे बड़े मेगा बेसिन में बदलने की क्षमता रखता है। हम यहां 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहे हैं। जिससे असम से रोजाना 1,00,000 बैरल तेल और गैस का उत्पादन होगा। इससे 1 लाख से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
स्थानीय विकास और स्वच्छ ऊर्जा पर जोर
केयर्न ऑयल एंड गैस असम में 7650 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले अराकान बेसिन में काम कर रहा है। कंपनी के पास 15 एक्सप्लोरेशन ब्लॉक्स हैं, जिनमें 12 ब्लॉक ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के तहत और 3 खोजे गए छोटे क्षेत्र (DSF) शामिल हैं।
कंपनी 2023 से हाजिरागांव फील्ड से उत्पादन कर रही है। जो नॉर्थ ईस्ट का पहला DSF ब्लॉक है। यह गैस आसपास की चाय बागानों को आपूर्ति कर रहा है, जिससे चाय उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है और किसानों को महंगे कोयला-आधारित ऊर्जा स्रोतों से स्वच्छ गैस ऊर्जा की ओर स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके अलावा, स्थानीय परिवहन में 100 CNG बसों के संचालन में यह गैस अहम भूमिका निभा रही है। जिससे असम सरकार की स्वच्छ ऊर्जा पहल को मजबूती मिल रही है।
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक विकास
केयर्न, असम स्टेट लाइवलीहुड रूरल मिशन (ASLRM) के साथ मिलकर महिला कारीगरों को आजीविका के अवसर प्रदान कर रहा है। अब तक 3000 से अधिक महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता देने के लिए हथकरघा केंद्रों की स्थापना की गई है।
असम को आर्थिक शक्ति बनाने का लक्ष्य
यह निवेश असम को औद्योगिक और आर्थिक शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करेगा और भारत को वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा। इस अवसर पर अनिल अग्रवाल ने वेदांता की स्थायी विकास की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि कंपनी असम में बायोडायवर्सिटी संरक्षण, स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केयर्न ऑयल एंड गैस: भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान
केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड का हिस्सा है और भारत की सबसे बड़ी निजी तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी है। यह देश के कुल कच्चे तेल उत्पादन में 25% का योगदान देता है। कंपनी के पास भारत में 60,000 वर्ग किलोमीटर में फैले 62 ब्लॉक्स हैं। जिनमें राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात और असम में उत्पादन इकाइयां शामिल हैं। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक नेट जीरो हासिल करना है और यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की OGMP 2.0 पहल से जुड़ने वाली भारत की पहली कंपनी है।
वेदांता लिमिटेड: वैश्विक स्तर पर अग्रणी प्राकृतिक संसाधन कंपनी
वेदांता लिमिटेड, वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड की सहायक कंपनी है, जो भारत, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लाइबेरिया, यूएई, सऊदी अरब, कोरिया, ताइवान और जापान सहित कई देशों में काम कर रही है। इसका संचालन तेल और गैस, जिंक, लेड, सिल्वर, कॉपर, आयरन ओरे, स्टील, निकेल, एल्युमिनियम, पावर और इलेक्ट्रॉनिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में है।
वेदांता ने नेशन बिल्डिंग के तहत 20 वर्षों से भारत के विकास में अहम भूमिका निभाई है। कंपनी ने नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को 2050 या उससे पहले हासिल करने के लिए 5 बिलियन डॉलर निवेश की योजना बनाई है।
वेदांता की अनिल अग्रवाल फाउंडेशन अगले 5 वर्षों में 5000 करोड़ रुपये सामाजिक कल्याण योजनाओं में खर्च करेगी। कंपनी का नंद घर प्रोजेक्ट पूरे भारत में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना कर रहा है।
हाल ही में वेदांता लिमिटेड को एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 में तीसरा स्थान मिला और इसे डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी वर्ल्ड इंडेक्स में शामिल किया गया। साथ ही, इसे ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ 2023 प्रमाणित भी किया गया है।