Demand to end contract system in Rajasthan: राजस्थान में ठेका प्रथा खत्म करने की मांग तेज, मोनू चौधरी का संघर्ष जारी: मुख्यमंत्री और मंत्रियों तक पहुंचाई आवाज
राजस्थान में ठेका प्रथा को खत्म करने की मांग को लेकर मोनू चौधरी लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए कई बार धरने दिए और विभिन्न मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री तक अपनी बात रखने का प्रयास किया। इसके बावजूद सरकार द्वारा अभी तक ठेका प्रथा को खत्म करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

ट्वीट पर 40,000 लोगों की प्रतिक्रिया
बजट सत्र में भी ठेका प्रथा को समाप्त करने का निर्णय न लेने पर मोनू चौधरी ने एक ट्वीट किया। जिसे 40,000 से अधिक लोगों ने देखा। इस ट्वीट पर हजारों पीड़ितों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और सरकार से ठेका प्रथा को समाप्त करने की मांग की।
ठेका प्रथा को बताया दासता का रूप
चौधरी का कहना है कि राजस्थान में ठेका प्रथा एक प्रकार की दास प्रथा और गुलामी है, जिससे कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार के समक्ष दो प्रमुख मांगें—संविदा और निविदा को रखा गया था। लेकिन सरकार ने केवल संविदा पर ध्यान दिया, जबकि ठेका प्रथा को समाप्त करने की जरूरत है।
सरकार से ठेका प्रथा समाप्त करने की अपील
मोनू चौधरी और अन्य पीड़ित कर्मचारी लगातार सरकार से अपील कर रहे हैं कि ठेका प्रथा को पूरी तरह से समाप्त किया जाए और कर्मचारियों को स्थायी रोजगार दिया जाए। अब देखना होगा कि सरकार इस मांग पर क्या निर्णय लेती है।