Rishi Agastya’s influence is not only on India: ऋषि अगस्त्य का प्रभाव भारत ही नहीं, विदेशों तक फैला: जावा और सुमात्रा में भी होती है पूजा
वाराणसी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ऋषि अगस्त्य का प्रभाव भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों तक भी फैला हुआ है। भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उनकी भूमिका के लिए उन्हें जावा और सुमात्रा में भी समान रूप से पूजा जाता है।

वाराणसी में चल रहे काशी तमिल संगमम् के तृतीय संस्करण में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऋषि अगस्त्य ने भगवान श्रीराम को मां सीता की खोज के लिए प्रेरणा प्रदान की थी और राम-रावण युद्ध में आदित्यहृदयस्तोत्रम् का मंत्र दिया था। हजारों वर्ष पहले से महर्षि को लेकर जो श्रद्धा का भाव तमिल के घर-घऱ में है, वही भाव काशी में भी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का विषय सराहनीय है, क्योंकि यह आयोजन ऋषि अगस्त्य चिकित्सा प्रणाली (भारतीय चिकित्सा), शास्त्रीय तमिल साहित्य में उनके दर्शन के प्रति लोगों को प्रेरित करेगा। यह वास्तव में उनके विरासत का असली सम्मान है।
शेखावत ने कहा कि काशी तमिल संगमम् वर्ष 2022 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के विजन को आगे बढ़ा रहा है। इस तृतीय संस्करण का महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है। क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ प्रयागराज में चल रहा है, जिसमें अब तक देश-दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु पावन संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम् तमिलनाडु और काशी के बीच शाश्वत संबंधों का उत्सव मनाने, सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करने और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाने की प्रेरणादायक पहल है। यह तमिलनाडु और काशी के बीच साहित्यिक, आध्यात्मिक और कलात्मक संबंधों पर बल देता है। साथ ही दोनों क्षेत्रों के विद्वानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान-आधारित बातचीत को प्रोत्साहित भी करता है।