Mahakumbh Sadhvi Harsha Richhariya Update: महाकुंभ में चर्चा का विषय बनीं मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया: साध्वी का टैग दिए जाने को बताया गलत
महाकुंभ में एक से बढ़कर एक रंग देखने को मिल रहे हैं। इस बीच अपनी सुंदरता की वजह से अचानक चर्चा में आईं मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया ने खुद को साध्वी का टैग दिए जाने को गलत ठहराया है।

पिछले दो दिन से सोशल मीडिया में हर्षा के वीडियो और फोटो खूब शेयर किए जा रहे हैं। इनमें से कई में उन्हें साध्वी कहा जाने लगा तो कुछ लोग उन्हें ट्रोल भी करने लगे। इस बीच हर्षा रिछारिया ने कुछ टीवी चैनलों से बातचीत में स्पष्ट किया कि वह साध्वी नहीं हैं।
हर्षा ने कहा कि प्लीज उन्हें साध्वी का टाइटल न दिया जाए। मैंने साध्वी के लिए कोई भी संस्कार नहीं किया है। न इसके लिए कोई दीक्षा ली है। मैंने सिर्फ गुरु दीक्षा और मंत्र दीक्षा ली है इसलिए मुझे साध्वी कहना गलत है।
पिता दिनेश रिछारिया ने कहा- बेटी पर साध्वी का टैग गलत लगाया गया। उसने सिर्फ दीक्षा ली है। संन्यास नहीं लिया है, जल्द ही उसकी शादी करेंगे। दिनेश ने एक मीडिया चैनल से ये बातें कहीं। बता दे की शादी को लेकर मॉडल हर्षा का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
मां किरण ने कहा- बेटी का बचपन से रुझान अध्यात्म की ओर रहा है। 10 साल की उम्र से ही पूजा-पाठ करने लगी थी। पूजा करके ही स्कूल जाती थी। हर्षा ने हरिद्वार में कैलाशानंद जी महाराज से निवेदन किया तो उन्होंने 2 साल पहले दीक्षा दी। वहीं रहकर उनके सानिध्य में उसने मंत्र, पूजा-पाठ सीखा। महाकुंभ में जाने की बात उसने 30 दिसंबर को बताई। बेटी ने अपने पापा से फोन पर कहा था- हम गुरुजी के साथ महाकुंभ जा रहे हैं। लगभग 1 महीने रहकर वहीं कल्पवास करेंगे। हम दोनों ने इसकी इजाजत दे दी।
कैसे सुर्खियों में आईं हर्षा
4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था।
इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था। इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं।