UGC’s New Guidelines: अब बिना NET के असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे: UGC ने किया बड़ा बदलाव
प्रोफेसर बनना कई लोगों का सपना होता है। हालांकि यह सपना साकार करने के लिए लोगों को कड़ी मेहनत के साथ परीक्षा के कई पड़ाव भी पार करने पड़ते हैं।
अब हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूटस में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए UGC NET एग्जाम क्लियर करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट यानी HEIS में फैकल्टी रिक्रूटमेंट और प्रमोशन के लिए ड्राफ्ट UGC गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए सब्जेक्ट में NET क्वालिफाइड होना जरूरी नहीं होगा।
UGC की ड्राफ्ट गाइडलाइन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने UGC की ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए NET की परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर्स की नियुक्ति आसान बनाने के लिए यह बदलाव किया गया है।
दिल्ली में UGC मुख्यालय में ड्राफ्ट नियम जारी करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह मसौदा उच्च शिक्षा में नवाचार लाने के साथ-साथ गति प्रदान करेगा। इससे शिक्षक और शैक्षणिक संस्थान सशक्त बनेंगे। उच्च शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में यह एक प्रगतिशील कदम है।
अभी लागू UGC गाइडलाइंस 2018 के अनुसार, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए कैंडिडेट का उसी सब्जेक्ट से NET क्वालिफाई होना जरूरी था। जिस सब्जेक्ट से पोस्ट ग्रेजुएट (PG) किया हो। नई गाइडलाइंस में कैंडिडेट्स को PG से इतर सब्जेक्ट्स से NET करने की आजादी है। साथ ही बगैर NET किए। सीधे Ph.D किए हुए कैंडिडेट्स भी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अप्लाई कर सकेंगे।
ड्राफ्ट गाइडलाइंस के अनुसार अब किसी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में वाइस चांसलर बनने के लिए कैंडिडेट के पास 10 वर्ष का टीचिंग एक्सपीरियंस होना जरूरी नहीं होगा।
UGC चेयरमैन UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार का कहना है कि नए नियम मल्टी-सब्जेक्ट बैकग्राउंड से फैकल्टी चुनने में मदद करेंगे। इन नियमों का उद्देश्य उच्च शिक्षा में फ्रीडम और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाना है।