Preparations To Grow Spinach in Space: अंतरिक्ष में पालक उगाने की तैयारी: (ISRO) 2024 का आखिरी मिशन 30 दिसंबर को लॉन्च
अंतरिक्ष में पालक उगाने की तैयारी इसरो का स्पैडेक्स कोशिकाएं लेकर जाएगा, 30 दिसंबर को लॉन्चिंग स्पेस डॉकिंग तकनीक वाला चौथा देश होगा भारत 21 दिसंबर को PSLV-C60 रॉकेट लॉन्चिंग पैड पर स्थापित किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2024 का आखिरी मिशन 30 दिसंबर को लॉन्च करने वाला है।
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के दो खास मिशन चर्चा में हैं। इसरो का पहला मिशन अंतरिक्ष में खेती की संभावनाओं को लेकर है। दूसरा मिशन स्वच्छ स्पेस से जुड़ा है। इसरो का ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल यानि POEM-4 मिशन अंतरिक्ष में नई संभावनाओं की तलाश करेगा। PSLV रॉकेट से इस ‘POEM-4’ मिशन की लॉन्चिंग 30 दिंसबर को होगी।
स्पेस डॉकिंग का मतलब
स्पेस डॉकिंग का मतलब है अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ना या कनेक्ट करना। यह प्रक्रिया ऐसी होती है जैसे आसमान में दो कारों को आपस में जोड़ना हो। स्पैडेक्स मिशन में पहले स्पेसक्राफ्ट चेजर को दूसरे यान टारगेट के पास ले जाने और उससे जोड़ने का प्रदर्शन किया जाएगा। यह काम बहुत बारीकी से किया जाएगा। क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता और सब बहुत तेजी से हिलता है।
इस रिसर्च के तहत अंतरिक्ष और पृथ्वी पर एक ही समय में प्रयोग किया जाएगा। पालक की कोशिकाओं को LED लाइट्स और जेल के जरिए सूर्य का प्रकाश और पोषक तत्व जैसी अहम चीजें दी जाएंगी। एक कैमरा पौधे की कोशिका के रंग और वृद्धि को रिकॉर्ड करेगा। अगर कोशिका का रंग बदलता है तो प्रयोग असफल हो जाएगा।
अगर इसमें सफलता मिलती है तो अंतरिक्ष और पृथ्वी पर कृषि तकनीकों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। साथ ही भारतीय वैज्ञानिकों की लंबी अंतरिक्ष यात्राओं जैसे मंगल ग्रह मिशन के दौरान पौधे उगाने की संभावना और मजबूत होगी।