PM Narendra Modi Jaipur News Update: प्रधानमंत्री मोदी की पहल से राजस्थान और मध्य प्रदेश में पानी विवाद का समाधान: PKC-ERCP परियोजना का शुभारंभ
राजस्थान को PKC-ERCP की सौगात मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजना का शिलान्यास किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी को शॉर्ट फिल्म दिखाई गई।
ERCP का प्रजेंटेशन देखा. पार्वती, कालीसिंध और चंबल के जल से 21 जिले लाभान्वित होंगे। मध्य प्रदेश-राजस्थान के बीच MoU हुआ। परियोजना का नाम “राम” हुआ। राजस्थान का ‘रा’ और मध्य प्रदेश ‘म’ “राम” हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दादिया में रोड शो किया।
जिसके बाद जनसभा स्थल पहुंचे। मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया गया। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव मौजूद रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दादिया विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में पानी विवाद पर कहा कि कांग्रेस ने समाधान की बजाय राज्यों के बीच जल विवाद को ही बढ़ावा देती रही। मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था। सरदार सरोवर डैम बना और नर्मदा का पानी देना था। उसे रोकने के लिए कांग्रेस और कुछ एनजीओ ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए लेकिन हम पानी का महत्व समझते थे।
भजनलाल सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर हो रहे कार्यक्रम में पीएम ने केसीकी-ईआरसीपी परियोजना का शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम में राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच पीकेसी-ईआरसीपी को लेकर फरवरी 2024 में हुए समझौते को पहली बार सार्वजनिक किया गया है। इस मौके पर एमपी के सीएम ने कहा कि ये 20 साल पुराना झगड़ा था। दोनों प्रदेश में ये जल की सौगात पीएम मोदी की वजह से ही पूरी हो पाई है। एमपी नदियों का मायका है।
क्या है पीकेसी-ईआरसीपी
- प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूसरे कार्यकाल में साल 2017 में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का ड्राफ्ट तैयार किया गया था।
- बताया जाता है कि यह परियोजना उन्हीं की देन है। इसके अंतर्गत पार्वती, चंबल और कालीसिंध नदी को जोड़ने की रूपरेखा तैयार की गई थी।
- इसके जरिए पूर्वी राजस्थान के जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुर सिटी, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग और जयपुर ग्रामीण को जल संकट से छुटकारा मिलेगा। पेयजल के साथ किसानों को सिंचाई के लिए भी जरूरत का पानी मिल सकेगा।