Miracle In Shiv Mandir: संभल में 400 साल पुराने शिव मंदिर पर अतिक्रमण: पुलिस ने खोला मंदिर
संभल– 1978 के बाद से बंद पड़ा एक 400 साल पुराना शिव मंदिर अब पुलिस की देखरेख में है। इस मंदिर को प्रशासन ने अतिक्रमण से मुक्त कराकर फिर से खोल दिया है। यह मंदिर संभल के खग्गू सराय इलाके में स्थित है। जो जामा मस्जिद से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है।
जामा मस्जिद हिंसा के बाद प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा और सफाई अभियान तेज कर दिए थे। इन अभियानों के दौरान बिजली चेकिंग के समय पुलिस की नजर इस पुराने मंदिर पर पड़ी। इसके बाद पुजारी को बुलाकर मंदिर का ताला खोला गया। मंदिर की सफाई के बाद भगवान शिव के शिवलिंग और हनुमान की मूर्ति सामने आईं।
मंदिर के इतिहास और अतिक्रमण
स्थानीय लोगों के मुताबिक यह मंदिर लगभग 400-500 साल पुराना है। 1978 में संभल में हुए दंगे के बाद अधिकांश हिंदू परिवार इस इलाके से पलायन कर गए थे, जिसके चलते मंदिर लंबे समय से बंद था। मंदिर के तीनों ओर अतिक्रमण हो चुका था। केवल एक तरफ खाली थी।
नगर हिन्दू महासभा के संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगीने बताया कि उन्होंने 1978 के बाद इस इलाके में आना-जाना बंद कर दिया था। उन्होंने बताया कि पास में एक कुआं भी था। जिसे अतिक्रमणकर्ताओं ने पाट दिया था।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
संभल जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि बिजली चोरी की छापेमारी के दौरान यह मंदिर मिला। उन्होंने कहा कि इस इलाके में बिजली चोरी की समस्या अधिक है। और टीम यहां पहले नहीं पहुंचती थी। मंदिर को खोलकर वह समाज के लोगों के सुपुर्द कर देंगे।
एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने मंदिर पर मकान बना लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक प्रतिबद्धता
एसडीएम वंदना ने अतिक्रमण के खिलाफ सजगता दिखाते हुए कहा कि मंदिर के पास एक पीपल का पेड़ था। जिसे काट दिया गया था। उन्होंने अन्य अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शुरू करने की बात कही।
भविष्य की योजना
अब मंदिर खोलने के बाद हिंदू समुदाय के लोग पूजा-पाठ के लिए यहां पहुंचने लगे हैं। स्थानीय प्रशासन मंदिर की सफाई करवा चुका है। और जल्द ही पूजा-पाठ की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की सक्रियता से उम्मीद है कि मंदिर को संरक्षित करने और अतिक्रमण से मुक्त कराने में सफलता मिलेगी।