Jodhpur Lagislator : जोधपुर पूर्वक विधायक सूर्यकांता व्यास का हुआ निधन :यादो में रहेगी जीजी : 6 बार लगातार MLA रही :जीजी के नाम से थी मसूर :आज शाम को होगा अंतिम संस्कार
जोधपुर में जीजी के नाम से मसूर विधायक सूर्यकांता व्यास का आज निधन हो गया 87 साल की BJP की सीनियर नेता व्यास काफी लबे समय से बीमार चल रही थी। आज सुबह 7 बजे तबियत बिगड़ने से उन को हस्पताल ले जाया गया जहाँ इलाज के दौरान उन का निधन हो गया शाम को सिवांची गेट शमसान घाट पर उन का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अब यादो में रहेगी जीजी
शहर की सूरसागर सीट से छह बार की विधायक सूर्यकांता व्यास ने एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वसुंधरा राजे और भैरों सिंह शेखावत की.. सरकारों के दौरान जोधपुर के विकास में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इतना ही नहीं उन्होंने अशोक गहलोत के कार्यकाल के दौरान भी अपने क्षेत्र के विकाश में योगदान दिया था
1990 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा सूर्यकांता व्यास (जीजी) ने वर्ष 1990 में जोधपुर (पुराना शहर) निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था। पार्षद से राजनीतिक शुरुआत करने वाली जीजी ने 1990, 1993 और 2003 के विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। जीजी जोधपुर (पुराना शहर) विधानसभा क्षेत्र से 1998 में चुनाव हार गई थीं। उनके सामने कांग्रेस के जुगल काबरा थे।
2012 में विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में भी चुनी गई थीं
2008 और 2018 में में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विजयी हुई थीं। 2023 नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव का टिकट जीजी को भाजपा ने नहीं दिया था। उनकी जगह देवेंद्र जोशी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था। सूर्यकांता व्यास के पति उमा शंकर व्यास सप्लाई इंस्पेक्टर थे। पिता फतेहराज कल्ला पुलिस इंस्पेक्टर थे। जीजी 2012 में विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में चुनी गई थीं।
राज्यपाल, CM, गहलोत ने जताया शोक
बीजेपी नेता सूर्यकांता व्यास जीजी’ के निधन पर राज्यपाल हरि भाऊ बागड़े ने शोक जताया है. वहीं मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया और कुछ दिन पहले व्यास के साथ अपनी मुलाकात को याद किया. सीएम ने उनके निधन को पार्टी के लिए बड़ी क्षति बताया. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अलावा कांग्रेस..नेता सचिन पायलट ने भी जीजी के निधन पर शोक व्यक्त किया है
परिवार वालों के आने का इंतजार
पोते विशाल जामनगर (गुजरात) और योगेश बाड़मेर रहते हैं। उनके आने का इंतजार किया जा रहा है। उधर, सूर्यकांता व्यास की बेटियां सुधा, सरोज और सरला भी उनके आवास पर पहुंच गई हैं। पूर्व विधायक की पार्थिव देह देखकर बेटियां रोने लगीं।
नगर परिषद सदस्य से की राजनीतिक जीवन की शुरुआत
जीजी 1972 में पहली बार नगर परिषद सदस्य बनी थीं। इसके बाद जीजी भाजपा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बनीं।
जताई थी चुनाव लड़ने की इच्छा
टिकट कटने के बाद सूर्यकांता व्यास ने कहा था- यह पार्टी का निर्णय है और वह देवेंद्र जोशी (भाजपा प्रत्याशी रहे) के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चुनाव में प्रचार में उतरेंगी और पार्टी के लिए सीट जिताएंगी।
इस बयान के बाद सीनियर भाजपा नेता सूर्यकांता व्यास ने यह भी कहा था- पार्टी चाहे तो उन्हें शहर में किसी भी विधानसभा से उतार सकती है। वे पार्टी के लिए जीत दर्ज करेंगी। सूर्यकांता व्यास ने शहर विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए पार्टी से टिकट मांगा था
महिलाओं की स्थिति मजबूत की, इसलिए ‘जीजी’ बन गईं
जोधपुर शहर विधायक अतुल भंसाली भी उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने कहा- यह भाजपा और पूरे जोधपुर शहर के लिए अपूरणीय क्षति है। सुबह मुझसे किसी ने पूछा था- उन्हें जीजी क्यों कहते हैं। जीजी ने महिलाओं के उत्थान के लिए काम किया था। उन्होंने महिलाओं की संघ में स्थिति मजबूत की। संघ के कार्यकर्ता उन्हें बहन कहकर बुलाते थे। इसी के बाद धीरे-धीरे उन्हें ‘जीजी’ बुलाने लगे।
5 महिलाओं को लेकर किया था मटकी फोड़ प्रदर्शन
1970 के दशक में महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदियां थीं। ऐसे समय में जीजी ने संघर्ष किया। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को लेकर बात की। 1965 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, गुरुजी जोधपुर प्रवास पर थे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेविका व जनसंघ की सदस्य जीजी पानी की समस्याओं के विरोध के लिए अपने साथ केवल 5 महिलाओं को लेकर निकलीं।
जीजी ने उस समय कलेक्ट्रेट के बाहर पांच महिलाओं के साथ मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया। शाम को जब वे गुरुजी से मिलने गईं व घटना बताईं, तो गुरुजी को आश्चर्य हुआ। वे प्रसन्न हुए कि महिलाओं में समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत आ गई।jodhpur